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एआइसीटीई ने कहा, समय पर दे दी सभी कॉलेजों को मंजूरी

एआइसीटीई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने समय पर ही यूपी के सभी टेक्निकल कॉलेजों को मंजूरी दे दी है।

By Manish NegiEdited By: Published: Fri, 24 Jun 2016 02:45 AM (IST)Updated: Fri, 24 Jun 2016 02:51 AM (IST)
एआइसीटीई ने कहा, समय पर दे दी सभी कॉलेजों को मंजूरी

नई दिल्ली, (माला दीक्षित)। आल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआइसीटीई) ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उसने कोर्ट के आदेश की नाफरमानी नही की है। उसने उत्तर प्रदेश के सभी टेक्निकल कॉलेजों को मंजूरी पत्र तय तिथि 30 अप्रैल तक दे दी है। एआइसीटीई ने शीर्ष न्यायालय में हलफनामा दाखिल कर यह बात कही है।

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यह हलफनामा देखने के बाद कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनीवर्सिटी (एकेटीयू) की अर्जी निपटा दी। एकेटीयू ने अर्जी दाखिल कर एआइसीटीई पर उत्तर प्रदेश के टेक्निकल कालेजों को समय पर मंजूरी न देने का आरोप लगाया था और कोर्ट से कॉलेजों को मान्यता देने की विश्वविद्यालय के लिए तय की गई तिथि बढ़ाने का अनुरोध किया था।

मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने 13 दिसंबर, 2012 के आदेश में देश भर के तकनीकी कॉलेजों को मंजूरी और मान्यता अथवा संबद्धता देने से लेकर एडमीशन लेने व सत्र शुरू करने तक का कार्यक्रम तय कर दिया था। शीर्ष न्यायालय ने 31 मई की पिछली सुनवाई के दौरान एकेटीयू की दलीलें सुनने के बाद एआइसीटीई को तय कार्यक्रम का पालन न करने पर कड़ी फटकार लगाई थी। कोर्ट ने जुर्माना लगाने की चेतावनी देते हुए एआइसीटीई से हलफनामा दाखिल कर कारण बताने को कहा था।

कोर्ट ने कहा था कि एकेटीयू की अर्जी के मुताबिक एआइसीटीई ने तय समय सीमा का पालन नहीं किया है। एआइसीटीई की कॉलेजों को मंजूरी की सूचना विश्वविद्यालय के पास 7 मई को पहुंची है। जिसके कारण पूरे उत्तर प्रदेश के 612 तकनीकी कॉलेजों में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य दांव पर है। कोर्ट ने उस आदेश मे बच्चों का भविष्य देखते हुए कॉलेजों को संबद्धता देने की तिथि 10 जून तक बढ़ा दी थी। इस आदेश के अनुपालन में एआइसीटीई ने अपने वकील अनिल सोनी के जरिये हलफनामा दाखिल किया है।

एआईसीटीई ने सफाई देते हुए कहा है कि ऑन लाइन प्रक्रिया के जरिये उप्र के सभी कॉलेजों को मंजूरी पत्र दे दिए हैं। कालेज स्वयं अपना मंजूरी पत्र डाउनलोड कर सकते हैं। काउंसिल का कहना है कि तय तिथि 30 अप्रैल तक मंजूरी पत्र दे दिए जाने के कारण उप्र के इन कॉलेजों में पढ़ने वाले किसी बच्चे का भविष्य दांव पर नहीं लगा है। उसने कहा है कि विश्वविद्यालय को इसकी सूचना भेजना सिर्फ औपचारिकता है। किसी भी कॉलेज ने इस बारे में शिकायत नहीं की है। हलफनामे के साथ कॉलेजों को दिये गए मंजूरी पत्र के पहले पेज भी सबूत के तौर पर संलग्न किए गये थे। सुप्रीम कोर्ट ने हलफनामा देखने के बाद बढ़ाई गई 10 जून की तिथि को अंतिम तारीख मानते हुए मामले का निपटारा कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा नोएडा का जेएसएस

एकेटीयू से संबद्ध नोएडा का इंजीनियरिंग कॉलेज जेएसएस एकेडेमी ऑफ टेक्निकल एजुकेशन अपने नए कोर्स कंप्यूटर साइंस एंड टेक्नोलोजी की 60 सीटों की मान्यता मांगने सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। जेएसएस ने अर्जी दाखिल कर एकेटीयू से इस कोर्स की मान्यता दिलाने की मांग की है।

गुरुवार को जेएसएस के वकील ने कोर्ट से कहा कि एआइसीटीई ने इस कोर्स को मंजूरी दे दी है, लेकिन एकेटीयू ने इसे मान्यता नहीं दी है। एकेटीयू ने मान्यता देने से मना करने से पहले कॉलेज को नोटिस भी नहीं भेजा। कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद एकेटीयू के वकील अमितेश से सोमवार तक इस बारे में जवाब दाखिल करने को कहा है।

मान्यता पर एआइसीटीई के रवैये से सुप्रीम कोर्ट खफा


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