जर्मनी ने डाली रिश्ते में जान, 18 समझौतों पर करार
भारत दौरे पर आई जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल से मुलाकात और दोनों देशों के प्रतिनिधि मंडल की बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी और चांसलर एंजेला मर्केल ने एक साझा बयान जारी किया है। बैठक में भारत और जर्मनी के बीच कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर एमओयू साइन किए गए हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने शरणार्थियों की गंभीर समस्या के बावजूद नई दिल्ली आकर साफ कर दिया है कि भारत उनके लिए कितना अहम है। सोमवार को दोनों देशों के बीच जो समझौते हुए हैं, वे द्विपक्षीय रिश्तों को नई उड़ान देने की क्षमता रखते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल अप्रैल में जर्मनी जाकर व्यापारिक व रक्षा सहयोग को विस्तार देने की जो शुरुआत की थी, वह मर्केल की यात्रा से और मजबूत हुई है। भारत और जर्मनी के बीच 18 समझौते हुए या इन पर सहमति बनी। मोदी और मर्केल की अगुवाई में दोनों देशों के बीच सरकारी स्तर की बातचीत की गई। इसमें दोनों देशों के प्रमुख कैबिनेट सहयोगियों ने भी भाग लिया। भारत सिर्फ जर्मनी के साथ इस तरह का आधिकारिक ढांचा बनाए हुए है, जबकि जर्मन सरकार ब्राजील और चीन के साथ भी इस स्तर की बातचीत करती है। हर दो वर्ष बाद यह बातचीत होती है। तीन घंटे से भी ज्यादा समय तक चली बातचीत के बाद मोदी और मर्केल ने भारत-जर्मनी को रणनीतिक साझीदार के तौर पर चिह्नित किया।
अधिकतर समझौते आर्थिक सहयोग से जुड़े हैं। इनसे न सिर्फ भारत में निवेश बढ़ेगा, बल्कि भारत सुरक्षा, जल संचयन, ऊर्जा जैसे अहम क्षेत्रों में जर्मन तकनीक का फायदा भी उठा सकेगा। भारत ने जर्मनी को आश्वासन दिया है कि उसकी कंपनियों के निवेश प्रस्तावों पर तेजी से फैसला करने के लिए विशेष व्यवस्था होगी। इस बारे में दोनों देशों के बीच समझौता भी हुआ है। यह जर्मनी की तरफ से भारत में होने वाले निवेश को बढ़ाने के साथ ही मोदी सरकार के 'मेक इन इंडिया' अभियान को भी मदद पहुंचाएगा। सनद रहे कि मर्केल की यात्रा से ठीक पहले कुछ जर्मन कंपनियों ने भारत में फैसला लेने की धीमी रफ्तार पर चिंता जताई थी। भारत में जर्मनी की 1600 कंपनियां काम करती हैं। इन्होंने अभी तक भारत में लगभग 10 अरब यूरो का निवेश किया हुआ है। मोदी और मर्केल के बीच लगभग तीन घंटे तक विचार-विमर्श हुआ। यह विमर्श मंगलवार को बेंगलुरु में जारी रहेगा।
सौर ऊर्जा में भारी निवेश
मोदी सरकार की सौर ऊर्जा संबंधी महत्वाकांक्षी कार्यक्रम का सभी देशों में स्वागत हो रहा है। जर्मनी और भारत में आज इस क्षेत्र में ज्यादा सहयोग का समझौता हुआ है। जर्मनी इसके लिए भारत में 2.25 अरब डॉलर का निवेश करेगा। स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में भारत व जर्मनी की संस्थानों के बीच गहन अध्ययन का रास्ता भी साफ हो गया है। बातचीत में यूरोपीय संघ के साथ होने वाले मुक्त व्यापार समझौते का मामला भी उठा। मोदी ने स्वयं मर्केल से भारतीय दवा कंपनियों पर यूरोपीय संघ में लगाए गए प्रतिबंध को देखने का आग्रह किया।
क्या कहा मोदी अौर एंजेला ने
'आर्थिक प्रगति के लिए हमने जो लक्ष्य रखा है, जर्मनी उसमें एक प्राकृतिक सहयोगी देश है। जर्मनी की ताकत और भारत में व्याप्त संभावनाओं में सीधा संबंध है।'
-नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
'विकास संबंधी मोदी की योजनाओं और कार्यक्रमों का हम सम्मान करते हैं। हम भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अपना पूरा योगदान करने को तैयार हैं।'
-एंजेला मर्केल, जर्मन चांसलर
जर्मनी क्यों है अहम
दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था व निवेशक
20 अरब डॉलर का द्विपक्षीय कारोबार और 10 अरब यूरो का भारत में निवेश
यूरोपीय बाजार में भारत के प्रवेश के लिए अहम साझेदार
सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य के तौर पर दोनों दावेदार
पीएम मोदी व्यक्तिगत तौर पर जर्मन तकनीक के मुरीद
दुर्गा प्रतिमा लौटाने के लिए धन्यवाद
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि, मैं विशेषतौर पर चांसलर का धन्यवाद करता हूं कि जर्मनी ने अफगानिस्तान में शांति और विकास का समर्थन किया। साथ ही जम्मू-कश्मीर के मंदिर में लगी मां दुर्गा की प्राचीन प्रतिमा लौटाने के लिए भी मैं जर्मनी और डॉ. मर्केल का धन्यवाद करता हूं।'
वहीं जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने कहा कि, 'श्रेष्ठ महत्व वाले हमारे आर्थिक संबंध, हमारे गतिशील संबंधों के गवाह हैं। काफी प्रसन्न हूं कि हमने यहां फास्ट ट्रैक एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए। इससे भारत में कंपनियों को व्यवसाय करने के लिए मिलने वाले लायसेंस में कम वक्त लगेगा।'
जर्मन चांसलर मर्केल ने कहा, 'हमें खुशी है कि हम दुर्गा की प्रतिमा भारत को सौंपने में सफल रहे। यह प्रतिमा इस देश के लिए बहुत महत्व रखती है।'
उन्होंने आगे कहा कि, 'यह शानदार अनुभव है कि भारत के डिजिटलाइजेशन में सॉफ्टवेयर क्षेत्र हमारी मदद करेगा। क्लाइमेट एग्रीमेंट को लेकर यह बात संतुष्टिदायक है कि हमने यहां एग्रीमेंट साइन किया।' उन्होंने आगे कहा कि, 'हम आतंक से लड़ने के अलावा सायबर सुरक्षा, डिफेंस, आर्म कोऑपरेशन जैसे मामलों में साथ मिलकर काम करेंगे। हम दुर्गा प्रतिमा भारत को देने में सक्षम थे, मुझे लगता है कि यह भारत के लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण बात है।'
उन्होंने आगे कहा कि, भारत और जर्मनी टकरावों के सैना की बजाय कूटनीतिक और शांतिपूर्ण समाधान खोजने में लगे हैं। दो साल बाद फिर मिलने तक हम लगातार बिना ब्रैक लिए काम करते रहेंगे।'
इससे पूर्व जर्मनी की चांसलर का सोमवार सुबह राष्ट्रपति भवन में भव्य स्वागत किया गया। यहां पर उनके स्वागत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे। इस अवसर पर मर्केल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
मर्केल ने स्वागत के बाद पीएम मोदी द्वारा किए विकास के लिए चलाई जा रही नीतियों की जमकर तारीफ भी की है। साथ ही मर्केल ने महात्मा गांधी की समाधि राजघाट जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
वह यहां गांधी मैमोरियल भी देखने गईं जहां पर उन्हें चरखा और एक पुस्तक भी भेंट की गई। अपने तीन दिवसीय भारत दौरे के लिए मर्केल रविवार रात को दिल्ली पहुंची थीं। हवाई अड्डे पर वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने जर्मन चांसलर की अगवानी की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर कहा, 'नमस्ते चांसलर मर्केल, आपका स्वागत है।'
इस मुलाकात में व्यापार और सुरक्षा के मुद्दे पर गहन बातचीत हो सकती है। इसके अलावा नवीकरणीय ऊर्जा, उच्च प्रौद्योगिकी, कौशल विकास, शिक्षा, तकनीक, जल प्रबंधन, विज्ञान व प्रौद्योगिकी, शहरी विकास, कृषि में सहयोग जैसे कई मुद्दों पर बातचीत होने की उम्मीद है। भारत और जर्मनी 2001 से रणनीतिक साझेदार हैं।
गौरतलब है कि मर्केल की यह यात्रा भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जर्मनी दौरे के करीब छह माह बाद हो रही है। जर्मन चांसलर के साथ भारी-भरकम प्रतिनिधिमंडल भी भारत आया है। इसमें छह केंद्रीय मंत्री, बड़े अधिकारी और कई शीर्ष जर्मन कंपनियों के सीईओ शामिल हैं। इस दौरान द्विपक्षीय व्यापार और निवेश बढ़ाने को लेकर बातचीत होगी।
अपने तीन दिवसीय भारत दौरे के लिए मर्केल रविवार रात को दिल्ली पहुंची थीं। हवाई अड्डे पर वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने जर्मन चांसलर की अगवानी की। उम्मीद है कि एंजेला मर्केल भारत में निवेश को लेकर जर्मन उद्योगपतियों को आ रही दिक्कतों के बारे में भी भारतीय प्रधानमंत्री को अवगत कराएंगी। दोनों नेता भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर भी वार्ता कर सकते हैं।
जर्मनी भाषा पढ़ाने पर बनी सहमति
अपनी नई दिल्ली प्रवास के दौरान मर्केल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से भी मुलाकात करेंगी। इसके अलावा जर्मन चांसलर व प्रधानमंत्री छह अक्टूबर को बेंगलुरु भी जाएंगे, जहां दोनों नैसकॉम द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। दोनों नेता जर्मनी की कंपनी बोश के नवाचार और कौशल परिसर की भी यात्रा करेंगे। गौरतलब है कि जर्मनी यूरोपीय यूनियन के देशों में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। इसके अलावा जर्मनी भारत में सातवां सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है।
तस्वीरों में देखें: दिल्ली पहुंची मर्केल, मोदी ने किया ट्वीट कर स्वागत