वहशी बने सरकारी कर्मी, धू-धू कर जला चालक
दिल्ली-मथुरा हाईवे पर बृहस्पतिवार सुबह अवैध वसूली के डंडे की आग ने ऐसा किया कि आसपास की आबादी कांप उठी। ज्वलनशील गैस से भरे कैप्सूल की संवेदनशीलता को न देखकर हर रोज अवैध वसूली करने वाले सरकारी कर्मचारियों ने ऐसा डंडा मारा कि चालक सुध-बुध खो बैठा। गैस कैप्सूल पलटा, चैंबर फटा और वह शोलों
मथुरा, जागरण संवाददाता। दिल्ली-मथुरा हाईवे पर बृहस्पतिवार सुबह अवैध वसूली के डंडे की आग ने ऐसा किया कि आसपास की आबादी कांप उठी। ज्वलनशील गैस से भरे कैप्सूल की संवेदनशीलता को न देखकर हर रोज अवैध वसूली करने वाले सरकारी कर्मचारियों ने ऐसा डंडा मारा कि चालक सुध-बुध खो बैठा। गैस कैप्सूल पलटा, चैंबर फटा और वह शोलों में घिर गया। तीस-चालीस मीटर सिर्फ आग ही आग दिखने लगी। ड्राइवर कैप्सूल में ही भुन गया। इलाका कांप उठा। दुकानों और ढाबों से भगदड़ मच गई। करीब आठ घंटे तक उठती रहीं लपटों से गौशाला की करीब आधा दर्जन गायें भी झुलस गई। हाईवे पर तीन घंटे तक ट्रैफिक रुका रहा, जिससे वाहनों की कई किमी लंबी लाइन लग गई।
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घटनाक्रम के मुताबिक दिल्ली से इंडेन कंपनी का कैप्सूल 18 टन एलपी गैस लेकर मथुरा की तरफ आ रहा था। प्रत्यक्षदर्शी ग्रामीणों के अनुसार सुबह करीब छह बजे जैंत पुलिस चौकी के पास अवैध वसूली कर रहीं दो सरकारी विभागों की जीपों ने कैप्सूल का पीछा करना शुरू किया। इस बीच एक गाड़ी ने ओवरटेक कर लिया। उसमें बैठे एक कर्मचारी ने कैप्सूल के शीशे में डंडा मारा। इससे चालक घबरा गया और कैप्सूल जैंत निवासी गुलाब सिंह के ढाबे की दीवार तोड़ता हुआ पलट गया। कैप्सूल के पलटते ही गैस का रिसाव शुरू हो गया। इसके बाद तीस-चालीस मीटर के दायरे में गैस की सफेद चादर बिछ गई। उधर पीछा करने वाली दोनों सरकारी गाड़ियां भाग लीं। पास ही मंदिर में चाय-नाश्ता बना रहे बाबा वृंदावनदास महात्यागी गैस रिसाव को देखने के लिए बाहर निकल आए।
करीब डेढ़ घंटे तक गैस का रिसाव होता रहा। इसी दरम्यान कैप्सूल में आग भड़क उठी। तेज धमाके ने पूरे इलाके को दहला दिया। तीस-चालीस मीटर के दायरे में गैस आग का गोला बन गई। शोलों की चपेट में गांव जैंत के हाकिम सिंह का ट्रक आ गया। सैकड़ों पेड़ जलने लगे। डिवाइडर की घास राख हो गई। एक गौशाला में सात-आठ गाय और बछड़े लपटों की चपेट में आकर झुलस गए। नजदीक गौशाला में बंधी गायों को खोलकर खेतों की तरफ हांक दिया। गांव के कुछ युवकों ने हाईवे को दोनों तरफ से रोक दिया और पुलिस को खबर दी। पास ही मंदिर में चाय बना रहे बाबा वृंदावनदास महात्यागी मंदिर में गैस पर चाय बना रहे थे। वहां रखे दो सिलेंडर में से एक ने आग पकड़ ली और तेज धमाके के साथ फट गया। इससे बाबा की रसोई की छत उड़ गई। इसके बाद दहशत में आए लोग दुकान और ढाबे छोड़कर दूर भाग लिए। वाहन चालकों में अफरा-तफरी मच गई। महिला और बच्चे चीख-पुकार करने लगे। इसी बीच मथुरा रिफाइनरी से नौ दमकलें मौके पर पहुंचीं और आग बुझाने के प्रयास शुरू किए। उधर, कैप्सूल फटने की आशंका से गांव जैंत के लोग सिलेंडर व परिवारों को लेकर खेतों की तरफ भाग गए। स्कूलों में आए बच्चों में भगदड़ मच गई। वे चीखते, चिल्लाते इधर-उधर गिरते-पड़ते भाग रहे थे। इसी बीच आग की लपटें कुछ कमजोर पड़ीं, तो पब्लिक तमाशा देखने नजदीक आ गई। इसके बाद अचानक कैप्सूल का एक चैंबर तेज धमाके से फट गया। करीब साठ-सत्तर फीट ऊंची आग की लपटें फिर विकराल हो गई। इससे आग बुझाने की कोशिश कर रहीं दमकल की गाड़ियां भी भाग खड़ी हुई। फायरमैन और पुलिसकर्मी जान बचाने के लिए दौड़ रहे थे। कई लोग तो एक किमी दूर तक भागे। बाद में नौ दमकलें करीब आठ घंटे में आग पर काबू पा सकीं। इसके बाद चालक का बुरी तरह झुलसा शव मिला। चालक का नाम राजकुमार है और वह मोहम्मदाबाद फरुखाबाद का रहने वाला है।
सीटी और एआरटीओ पर शक की सुई
सिटी मजिस्ट्रेट मुनींद्र उपाध्याय ने जागरण को बताया कि ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार, वाणिज्यकर (सीटी) और एआरटीओ की गाड़ियां चैकिंग के लिए हाईवे पर खड़ी रहती हैं। आशंका है कि इन्हीं में से किसी गाड़ी ने बृहस्पतिवार को गैस कैप्सूल का पीछा किया होगा।
मथुरा रिफाइनरी में लीकेज, एक की मौत
मथुरा। इंडियन ऑयल रिफाइनरी में बृहस्पतिवार को हाइड्रोजन सल्फाइड गैस लीक होने से एक कर्मचारी की मौत हो गई जबकि तीन अन्य बीमार पड़ गए। ये कर्मचारी एक निजी कंपनी के थे और इन्हें रिफाइनरी की सफाई के लिए लगाया गया था। गंभीर रूप से बीमार दो कर्मियों को आगरा रेफर कर दिया गया। मृत व घायल कर्मचारी बिहार के हैं।
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