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कचरा शोधन बड़े घोटाले वाला क्षेत्र, फिर भी नहीं होता ऑडिट: पर्रिकर

कचरा और सीवरेज शोधन का निर्माण केंद्रीय योजनाओं के तहत होने के बाद भी इनका ऑडिट नहीं किया जाता है। लिहाजा यहां पर घोटाला करने की संभावनाएं अधिक होती हैं।

By Kamal VermaEdited By: Published: Mon, 30 May 2016 07:11 PM (IST)Updated: Mon, 30 May 2016 08:22 PM (IST)
कचरा शोधन बड़े घोटाले वाला क्षेत्र, फिर भी नहीं होता ऑडिट: पर्रिकर

पणजी (प्रेट्र)। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आरोप लगाया है कि कचरा और सीवरेज शोधन बड़े घोटाले वाला क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि इनका निर्माण केंद्रीय योजनाओं के तहत किया जाता है, फिर भी इनका ऑडिट नहीं होता।उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत बनाए गए 90 फीसद शौचालय तीन-चार साल के बाद इस्तेमाल में नहीं लाए जाते। लेकिन कोई इसे ऑडिट नहीं कर सकता। उन्होंने कि कोई यह कैसे ऑडिट कर सकता है कि शौचालय का इस्तेमाल हो रहा है या नहीं।

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स्टार्ट अप के लिए टैक्स छूट की अवधि बढ़ाने की मांग

रक्षा मंत्री ने कहा कि देश में कचरा शोधन एक बड़ा कारोबार बन गया है। इस क्षेत्र में निहित स्वार्थ हैं। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक सभी चीज का ऑडिट करते हैं लेकिन हमने कचरा शोधन का ऑडिट नहीं देखा है। आखिर कचरे के ढेर में जाने की कौन हिम्मत करेगा? पर्रीकर सोमवार को यहां ठोस कचरा प्रबंधन सुविधा का उद्घाटन करने के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे।

न्यायपालिका पर की टिप्पणी

रक्षा मंत्री ने न्यायपालिका पर भी आलोचनात्मक राय जाहिर करते हुए कहा कि उसके कुछ निर्देश बेमतलब के होते हैं। उन्होंने कहा कि मर्सडीज कंपनी ने डीजल वाहन पर प्रतिबंध को तर्क से परे बताते हुए भारत में निवेश को रोक दिया। पर्रीकर ने कहा कि आप प्रदूषण फैलाने वाले डीजल वाहन को बंद कर सकते हैं लेकिन प्रदूषण नहीं करने वाले या पेट्रोल वाहन से कम प्रदूषण करने वाले डीजल वाहन पर रोक का क्या मतलब है।


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