कूड़ा उठाया नहीं, कर दिया आग के हवाले
वाराणसी। नगर में प्रकाश पर्व यानी दीपावली के दिन गुरुवार को भी कूड़ा उठान नहीं हुआ। उल्टे कई जगह उसे आग के हवाले कर दिया गया। किसने आग लगाई, इसका तो पता नहीं चला लेकिन कूड़े में लगी आग से निकल रहे जहरीले धुएं से लोगों का जीना मुहाल हो गया। हद तो यह है कि दीपावली पर्व पर हर घर से लोग मंदिरों में पूजा-अर्चना को जाते हैं
वाराणसी। नगर में प्रकाश पर्व यानी दीपावली के दिन गुरुवार को भी कूड़ा उठान नहीं हुआ। उल्टे कई जगह उसे आग के हवाले कर दिया गया। किसने आग लगाई, इसका तो पता नहीं चला लेकिन कूड़े में लगी आग से निकल रहे जहरीले धुएं से लोगों का जीना मुहाल हो गया। हद तो यह है कि दीपावली पर्व पर हर घर से लोग मंदिरों में पूजा-अर्चना को जाते हैं लेकिन वहां भी सफाई नहीं की गई थी। मंदिरों के आसपास काफी गंदगी देखी गई।
कूड़ा उठाया नहीं, कर दिया आग के हवाले
हुकुलगंज क्षेत्र में कूड़े के ढेर में आग लगा दी गई थी। तेज धूआं उठ रहा था। इससे लोगों को परेशानी हो रही थी। पूछने पर स्थानीय लोगों ने बताया कि नगर निगम कर्मियों ने ही कूड़े में आग लगाई है। उनसे कूड़ा उठाने को कहा जा रहा था लेकिन अवकाश होने के कारण कूड़ा निस्तारण की गाड़ी नहीं आई इसलिए नगर निगम कर्मियों ने आग लगा दी। वहीं कुछ लोगों ने स्थानीय युवकों पर आग लगाने का आरोप मढ़ा। इसी प्रकार नगर के एक दर्जन इलाकों में कूड़े को आग के हवाले कर दिया गया था। यह नियम विरुद्ध कार्य सिर्फ कूड़ा उठान नहीं होने के कारण किया गया।
मंदिरों के आसपास गंदगी
दीपावली पर्व पर लोगों की भीड़ मंदिरों व शिवालयों की ओर उमड़ी थी। इसे देखते हुए नगर निगम ने सफाई का विशेष इंतजाम करने का दावा किया था लेकिन समय पर सारी योजना धरी रह गई। सफाई कर्मी नगर में नहीं दिखे। कूड़ा गाड़ी भी एक-दो को छोड़ कहीं नहीं दिखी। मंदिरों के आसपास स्थानीय लोगों ने ही सफाई की। कई स्थानों पर मंदिर प्रबंधन ने सफाई कार्य का जिम्मा संभाला फिर भी गंदगी से पीछा नहीं छूटा। पांडेयपुर स्थित हनुमान मंदिर, प्राचीन काली मंदिर, दुर्गाकुंड मंदिर, संकट मोचन मंदिर की सड़क, श्री काशी विश्वनाथ परिक्षेत्र की गलियां आदि में कूड़े के ढेर पड़े मिले।
सिक्के के दो पहलू
अकेले ही करेंगे जागरूक
फुलवरिया के मनोज यादव। युवा अवस्था में ही समाजसेवा का जज्बा। कोई संस्था बनाने की चिंता नहीं। छोटा लक्ष्य लेकिन अकेले पूरा करने का संकल्प। रोज सुबह निकलते हैं शहर के किसी इलाके में और वहां की चाय-पान की दुकानों पर टोकरी रखने के लिए प्रेरित करते हैं।
जिम्मेदार संस्थाएं बेपरवाह
खास यह कि इसी कार्य के लिए नगर निगम ने जायका के तहत कई संस्थाओं से अनुबंध किया है कि वे शहर के बाजारों में जाएंगे और दुकानदारों को टोकरी रखने के साथ ही सफाई की बाबत जागरूक करेंगे। सच यह है कि ऐसा होता नहीं है। अनुबंध संस्थाओं के सदस्यों का कहीं पता नहीं होता। सिर्फ कागजों पर उनका जागरुकता अभियान चल रहा है।