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देश में स्वच्छता की अलख, दिल्ली गंदगी से पटी

सफाई कर्मचारियों की हड़ताल खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। सफाई कर्मचारी सोमवार सुबह यमुनापार के विभिन्न क्षेत्रों में सड़कों पर उतरे और प्रदर्शन कर जाम लगा दिया। कई जगहों पर चौराहों पर कूड़ा डालने की वजह से लोगों को जाम का सामना करना पड़ा। यमुनापार के हर

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Tue, 31 Mar 2015 03:54 AM (IST)Updated: Tue, 31 Mar 2015 06:16 AM (IST)
देश में स्वच्छता की अलख, दिल्ली गंदगी से पटी

पूर्वी दिल्ली, जागरण संवाददाता। सफाई कर्मचारियों की हड़ताल खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। सफाई कर्मचारी सोमवार सुबह यमुनापार के विभिन्न क्षेत्रों में सड़कों पर उतरे और प्रदर्शन कर जाम लगा दिया। कई जगहों पर चौराहों पर कूड़ा डालने की वजह से लोगों को जाम का सामना करना पड़ा। यमुनापार के हर इलाके में लोगों को जाम का सामना करना पड़ा। इससे लोग घंटों जाम में फंसे रह गए।

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सुबह से ही सफाई कर्मचारी अलग-अलग समूहों में पूर्वी दिल्ली निगम क्षेत्र में अलग-अलग जगहों पर सड़क पर उतर गए। अप्सरा बार्डर पर बड़ी संख्या में पहुंचे सफाईकर्मियों ने सुबह साढ़े नौ बजे चक्का जाम कर दिया। यहां पर अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस (इंटक) के राष्ट्रीय महामंत्री व पूर्व विधायक वीर सिंह धिंगान, कर्मचारी नेता राजकुमार धिंगान, महेश चंद्रा, नरेश टांक व धर्मपाल चंदेल आदि ने कर्मियों को संबोधित किया। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि जब तक उनकी सभी मांगें नहीं मान ली जाती तब तक हड़ताल वापस नहीं लिया जाएगा। यहां करीब डेढ़ घंटे तक प्रदर्शन करने के बाद सफाई कर्मचारियों ने पैदल ही विवेक विहार व आंनद विहार होते हुए पटपडग़ंज में पूर्वी निगम मुख्यालय तक मार्च किया। इसी तरह जयप्रकाश टांक के नेतृत्व में खजूरी चौक पर यातायात जाम किया गया और कर्मचारी प्रदर्शन कर सीलमपुर चौक तक पहुंचे। इसके अलावा कर्मचारी नेता आरबी ऊंटवाल, संजय गहलोत, मुकेश चांवडिय़ां आदि नेताओं के नेतृत्व में विकास मार्ग, एनएच 24, गांधी नगर सहित विभिन्न जगहों पर प्रदर्शन किया गया। विभिन्न जगहों पर प्रदर्शन करने के बाद भारी तादाद में कर्मचारियों ने पूर्व निगम मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। बाद में प्रतिनिधिमंडल से निगम आयुक्त अमित यादव की वार्ता हुई, लेकिन वार्ता विफल रही और कर्मचारी नेता बैठक का बहिष्कार कर बाहर आ गए।

जोन कार्यालयों में नहीं हुए काम

कर्मचारियों की हड़ताल व प्रदर्शन की वजह से पूर्वी निगम के दोनों जोन कार्यालय में काम नहीं हो सका। कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से जोन कार्यालय मे जो गंदगी डाली गई थी और तोडफ़ोड़ की गई थी वह साफ नहीं हो सकी है। दोनों जोन कार्यालय में पुलिस बल को तैनात किया गया है। शाहदरा दक्षिणी जोन कार्यालय के बाहर नाला भर जाने की वजह से सड़क पर नाले का पानी आ गया है।

प्रदर्शन की वजह से रेंगते रहे वाहन

कर्मचारियों के प्रदर्शन और जगह- जगह सड़कों पर फेंके गए कूड़े की वजह से यमुनापार के सभी प्रमुख मार्गों पर भयंकर जाम लगा। एचएच-24 से लेकर विकास मार्ग, स्वामी दयानंद मार्ग, जीटी रोड सहित सभी मार्गो पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। कर्मचारियों का प्रदर्शन खत्म हो जाने के बाद भी चौराहों पर पड़े कूड़े वाहनों की गति पर अवरोध लगाते रहे। इस वजह से लोगों ने आधे घंटे के सफर को डेढ़ से दो घंटे में तय किया।

चारों ओर दिखाई दे रही गंदगी

पूर्वी दिल्ली की सफाई व्यवस्था सात दिन से बदहाल है। मंगलवार से ही कर्मचारी हड़ताल पर हैं। शुरू के दो दिन हड़ताल का असर कम रहा था, लेकिन इसके बाद स्थिति पूरी तरह से खराब हो गई है। चार दिन से डलाव घरों से सरकारी कर्मचारी कूड़ा भी नहीं उठा रहे हैं। कर्मचारियों ने सड़कों व गलियों में जो गंदगी फेंकी थी उसे भी नहीं उठाया गया है। गलियों व सड़कों की सफाई न होने की वजह से कालोनियों की स्थिति खराब हो गई। पूर्वी दिल्ली की कोई ऐसी कॉलोनी नहीं है, जहां गंदगी के ढेर नहीं लगे हों। त्रिलोकपुरी के 28 ब्लॉक निवासी सोमपाल कहते हैं कि अब कालोनियों में इतनी गंदगी हो गई है कि बदबू से बुरा हाल है।

केजरीवाल और सिसोदिया का पुतला फूंका

पूर्वी दिल्ली, जासं। सफाई कर्मचारियों के वैतनिक समस्या से उपजे हालात के लिए दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए आरडब्ल्यूए स्तर पर भी विरोध शुरू हो गया है। ताजा मामले में शाहदरा स्थित बाबा भीकम सिंह कॉलोनी आरडब्ल्यूए ने सरकार की नीतियों पर भारी विरोध जताया है। आरडब्ल्यूए के पदाधिकारियों ने सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का पुतला जलाकर रोष जताया। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व संगठन के कार्यकारिणी सदस्य नंदा भाई राजपूत कर रहे थे। यह प्रदर्शन इलाके के चौराहे पर किया गया। इसमें बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। इस अवसर पर नंदा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जिस देशव्यापी अभियान को खुद झाड़ू लगाकर शुरुआत की थी, मौजूदा दिल्ली सरकार ने राजनीतिक रंग देकर उस अभियान को खत्म करने की पूरी कोशिश की है।

संगठन के प्रवक्ता ताहर सिंह चौहान ने कहा कि वेतन पर ही कर्मचारी का विकास और पोषण निर्भर करता है। आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों ने प्रधानमंत्री से मांग की है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप कर मौजूदा समस्या को दूर करने की दिशा में पहल करें।

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