पटना-वाराणसी के बीच शुरू होगा गंगा पर्यटन
गंगा के पुनर्जीवन में थोड़ा वक्त जरूर लगे लेकिन गंगा पर्यटन में मोदी सरकार देर नहीं लगाना चाहती है। अगले महीने की 22 तारीख को पटना से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी तक गंगा पर्यटन की औपचारिक शुरूआत हो सकती है। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने योजना को हरी झंडी दे दी है। पर्यटन मोदी सरकार के
नई दिल्ली [आशुतोष झा]। गंगा के पुनर्जीवन में थोड़ा वक्त जरूर लगे लेकिन गंगा पर्यटन में मोदी सरकार देर नहीं लगाना चाहती है। अगले महीने की 22 तारीख को पटना से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी तक गंगा पर्यटन की औपचारिक शुरूआत हो सकती है। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने योजना को हरी झंडी दे दी है।
पर्यटन मोदी सरकार के एजेंडे में ऊपर है। चुनाव प्रचार के दौरान ही मोदी यह संकेत देते रहे थे कि भारत जैसे विशाल और ऐतिहासिक देश में वित्तीय संकट से लेकर रोजगार तक कई मसले पर्यटन के विकास से दूर किए जा सकते हैं। इसमें गंगा भी एक माध्यम होगी। दरअसल गंगा नेविगेशन मोदी सरकार की सोच थी। पहले चरण में पटना से वाराणसी को जोड़ने की कोशिश है। पर्यटन मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, 22 अगस्त को पटना से बोट वाराणसी के लिए रवाना होगी जिसे केंद्रीय पर्यटन मंत्री श्रीपाद यशो नाईक हरी झंडी दिखाएंगे। संभव है कि केंद्रीय मंत्रालय के अधिकारी बोट में एक रात भी बिताएं। वाराणसी में इसका स्वागत कौन करेगा, यह अभी तय नहीं हुआ है। लेकिन बताते हैं कि इसे नियमित किया जाएगा। गौरतलब है कि आध्यात्मिक भारत की खोज में निकलने वाले विदेशी पर्यटकों के लिए वाराणसी और इलाहाबाद बड़ा केंद्र है।
बताते हैं कि वाराणसी में गंगा के सौंदर्यीकरण और घाट विस्तार के लिए भी पर्यटन मंत्रालय ने योजना तैयार कर ली है। एक विचार यह भी था कि वाराणसी में एक और घाट का निर्माण किया जाए लेकिन उसे रद कर दिया गया है। लेकिन यह तय है कि घाटों की चौड़ाई और लंबाई बढ़ेगी। पर्यटन मंत्रालय प्रधानमंत्री को अपने प्रजेंटेशन में सभी मुद्दों की जानकारी देगा। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही मोदी ने भी वाराणसी से जुड़ी समस्याओं और प्राथमिकता वाले मुद्दों पर वहां के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई थी। उनमें से कई पहलुओं पर पर्यटन मंत्रालय भी काम करेगा।