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गंगा को मिलेगी प्लास्टिक कचरे से निजात

एक माह पहले रुद्रप्रयाग से शुरू हुई गंगा जागरण यात्र रविवार को पश्चिम बंगाल में संपन्न हुई। इस दौरान पांच राज्यों के हजारों किलोमीटर की अपनी यात्रा में लाखों लोगों तक मां गंगा को निर्मल बनाने का संदेश पहुंचाया। समापन समारोह में केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने गंगा को प्रदूषण

By Edited By: Published: Mon, 28 Jul 2014 08:27 AM (IST)Updated: Mon, 28 Jul 2014 08:33 AM (IST)
गंगा को मिलेगी प्लास्टिक कचरे से निजात

जागरण ब्यूरो, कोलकाता। एक माह पहले रुद्रप्रयाग से शुरू हुई गंगा जागरण यात्र रविवार को पश्चिम बंगाल में संपन्न हुई। इस दौरान पांच राज्यों के हजारों किलोमीटर की अपनी यात्रा में लाखों लोगों तक मां गंगा को निर्मल बनाने का संदेश पहुंचाया। समापन समारोह में केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने गंगा को प्रदूषण-मुक्त करने की जागरण समूह की इस मुहिम की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस काम में सभी को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। गंगा को प्लास्टिक के कचरे से मुक्त करना संभव है। इसके लिए हरिद्वार सहित देश के विभिन्न भागों में प्लास्टिक से डीजल तैयार करने का कारखाना स्थापित किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गंगा सिर्फ नदी नहीं है, इसमें भारत की आत्मा प्रवाहित होती है। इसे प्रदूषण से बचाने की जिम्मेदारी सरकार के साथ समाज की भी है।

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महानगर के कलाकुंज में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने गंगा सफाई पर सरकार के प्रयासों की चर्चा करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने गंगा आरती के साथ अपना कार्य शुरू किया था। इतना ही नहीं कैबिनेट की प्रथम बैठक में ही गंगा की सफाई पर चर्चा हुई और इस दिशा में कारगर कदम उठाने का फैसला किया गया और नया मंत्रलय बनाया। इसके बाद देश के सबसे बड़े समाचार-पत्र समूह दैनिक जागरण ने भी अपने नाम की सार्थकता सिद्ध करते हुए देशव्यापी अभियान चलाया। गंगा नदी के किनारे देश का सबसे बड़ा व्यावसायिक केंद्र कोलकाता बसा है। यहां गंगा को केंद्र कर परिवहन, पर्यटन व आर्थिक विकास संभव है।

कार्यक्रम में उपस्थित दैनिक जागरण समूह के सीईओ व प्रधान संपादक संजय गुप्त ने कहा कि गंगा की सुरक्षा और इसे प्रदूषण-मुक्त करने के लिए धन की नहीं, जज्बे की जरूरत है। छोटे-छोटे प्रयासों से भी गंगा की सुरक्षा हो सकती है। इस यात्र को राजनीतिक न समझा जाए। उन्होंने इस नजरिये की भी आलोचना की कि गंगा के लिए केंद्र सरकार धनराशि देगी और नगरपालिकाएं उसे साफ करेंगी। इस जटिल स्थिति में सबको अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। एक दौर था जब लोग घर से स्नान कर गंगा नहाने जाते थे, जिससे गंगा मैली न हो। आज लोग गंगा में स्नान कर घर में नहाते हैं। पश्चिम बंगाल के परिवहन एवं खेल मंत्री मदन मित्र ने कहा कि भारत और गंगा एक दूसरे के पर्याय हैं। उन्होंने दैनिक जागरण की मुहिम की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि इस यात्र ने गंगा को पुन: निर्मल बनाने का संकल्प दिलाया है। इस अभियान से अभिभूत होकर उनके विधानसभा में रोजाना गंगा आरती होने लगी है।


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