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गंतव्य की ओर पहुंची गंगा यात्रा, भव्य स्वागत

देवप्रयाग से करीब तीन हजार किलोमीटर की दूरी तय कर गंगा जागरण यात्रा शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की धरती पर पहुंची तो उसका भव्य स्वागत किया गया। इस मौके पर बड़ी संख्या में बीएसएफ व सीआइएसएफ के अधिकारी व जवान मौजूद थे। गंगोत्री से पहुंचे कलश पर फूल माला चढ़ा कर स्वागत किया गया।

By Edited By: Published: Fri, 25 Jul 2014 07:40 PM (IST)Updated: Fri, 25 Jul 2014 07:42 PM (IST)
गंतव्य की ओर पहुंची गंगा यात्रा, भव्य स्वागत

फरक्का। देवप्रयाग से करीब तीन हजार किलोमीटर की दूरी तय कर गंगा जागरण यात्रा शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की धरती पर पहुंची तो उसका भव्य स्वागत किया गया। इस मौके पर बड़ी संख्या में बीएसएफ व सीआइएसएफ के अधिकारी व जवान मौजूद थे। गंगोत्री से पहुंचे कलश पर फूल माला चढ़ा कर स्वागत किया गया। गंगा के तट पर सैकड़ों लोगों ने गंगा को प्रदूषण मुक्त करने की शपथ ली।

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इससे पहले गंगा को प्रदूषण मुक्त करने को लेकर विस्तृत परिचर्चा हुई और बीएसएफ, सीआइएसएफ, फरक्का बराज व एनटीपीसी के वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने विचार व्यक्त किए। बीएसएफ की 20 नंबर बटालियन के कमांडेंट प्रेम सिंह ने कहा कि गंगा को स्वच्छ निर्मल करने को अब तक लगभग छह हजार करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन उसकी दशा में रत्ती भर सुधार नहीं हुआ है। जन जागरण से ही इस उद्देश्य की पूर्ति हो सकती है। गंगा को पावन करना देश के हर नागरिक का कर्तव्य है। इसके लिए कोई जरूरी नहीं कि कोई बड़ा योगदान किया जाए। छोटी-छोटी बातों का ध्यान रख कर भी गंगा को स्वच्छ निर्मल रखा जा सकता है। इसके लिए व्यक्तिगत स्तर पर पहल करने की जरूरत है। 125 बटालियन के कमांडेंट एसएस दबस ने कहा कि गंगा की सफाई का अभियान जारी है। केंद्र सरकार ने भी समय-समय पर कार्य किया था, ट्रीटमेंट प्लांट लगवाए लेकिन अभी और काम किए जाने की जरूरत है। 4 बटालियन के कमांडेंट स्वर्ण देव ने कहा कि गंगा को साफ करने की जरूरत नदी के लिए नहीं हमारे लिए है। गंगा नदी के किनारे रहने वाले 40 करोड़ लोगों के अस्तित्व की रक्षा के लिए गंगा को स्वच्छ व निर्मल रखने की जरूरत है।

सीआइएसएफ के कमांडेंट जेपी आजाद ने कहा कि गंगा हमारे देश में सभ्यता की जननी मानी जाती है। गंगा ने हमारी आवश्यकताओं की पूर्ति की तो हमने गंगा की अनदेखी करते हुए विकास का दायरा बढ़ाया जिससे गंगा को नुकसान पहुंचा। इस मौके पर फरक्का बैराज के सुप¨रटेंडिंग इंजीनियर एके सिंह ने कहा कि गंगा को गंगा प्रदूषण रोकने के लिए अच्छे संस्कार की जरूरत है जो कि अच्छी परवरिश से आते हैं। हर काम को लेकर सरकार के भरोसे बैठने से काम नहीं चलेगा बल्कि व्यक्तिगत तौर पर प्रयास करने होंगे। गंगा जागरण यात्रा के स्वागत में आए बीएसएफ व सीआइएसएफ, एनटीपीसी व फरक्का बराज के अधिकारियों ने दैनिक जागरण की इस मुहिम की मुक्त कंठ से सराहना की।

देखें : एक ऐतिहासिक प्रयास : गंगा जागरण


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