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यमुना की रक्षा को भी आगे आया अखाड़ा

संगम नगरी तीर्थराज प्रयाग में मां गंगा को अविरल-निर्मल बनाने के लिए आम जनमानस जोर-शोर से अभियान चला रहा है। श्रीपंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के संत गंगा के साथ यमुना के निर्मलीकरण को आगे आए हैं। संतों ने एक स्वर में गंगा व यमुना की रक्षा के लिए न सिर्फ आवाज उठाई बल्कि उसका अभियान भी शुरू कर दिया।

By Edited By: Published: Mon, 07 Jul 2014 08:28 PM (IST)Updated: Mon, 07 Jul 2014 08:29 PM (IST)
यमुना की रक्षा को भी आगे आया अखाड़ा

इलाहाबाद। संगम नगरी तीर्थराज प्रयाग में मां गंगा को अविरल-निर्मल बनाने के लिए आम जनमानस जोर-शोर से अभियान चला रहा है। श्रीपंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के संत गंगा के साथ यमुना के निर्मलीकरण को आगे आए हैं। संतों ने एक स्वर में गंगा व यमुना की रक्षा के लिए न सिर्फ आवाज उठाई बल्कि उसका अभियान भी शुरू कर दिया। दोनों पवित्र नदियों की निर्मलता के लिए सिद्धपीठ मां अलोपशंकरी मंदिर में प्रतिदिन आरती व भक्तों को संकल्प दिलाने के साथ जनजागरण किया जाएगा।

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अध्यक्षता कर रहे अखाड़ा के सचिव महंत जगदीशपुरी जी महाराज ने कहा कि प्रयाग की पहचान संगम से है। संगम के लिए गंगा और यमुना का निर्मल होना आवश्यक है, इसलिए हम दोनों नदियों को निर्मल व अविरल बनाने के लिए देशव्यापी मुहिम शुरू करेंगे। सरकार अगर इस दिशा में उचित कदम उठाती है तो संत उसका पूरा समर्थन करेंगे। दिगम्बर शिवानंद पुरी ने कहा, मां गंगा का निर्मल न हुई तो धरती पर जीवन संकट में पड़ जाएगा।

गंगा जागरण अभियान से संबंधित समाचार पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।


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