पंजाब पुलिस के अफसर को उम्रकैद पर शौर्य पुरस्कार वापस
हत्या मामले में सब इंस्पेक्टर गुरमीत सिंह को सजा पर 97' में मिला पदक छीना..
नई दिल्ली, प्रेट्र। पंजाब पुलिस के एक अधिकारी को सन् 1997 में राष्ट्रपति से मिला शौर्य पदक वापस ले लिया गया है। ऐसा पंजाब पुलिस के एक अफसर को हत्या के एक मामले में उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद हुआ है। किसी पुरस्कृत अफसर से वीरता पुरस्कार वापस लेना एक दुर्लभ घटना है।
वर्ष 1997 में तत्कालीन पंजाब सरकार ने सब इंस्पेक्टर गुरमीत सिंह का नाम पुरस्कार के लिए प्रस्तावित किया था। इस वीरता पदक से सम्मानित किए जाने के वक्त पंजाब सरकार ने उसके लिए एक प्रशस्ति पत्र भी जारी किया था। लेकिन वर्ष 2001 में गुरमीत सिंह के खिलाफ हत्या का एक मामला दर्ज हो गया। वह इसमें नासिर्फ दोषी पाया गया बल्कि उसे वर्ष 2006 में उम्रकैद की सजा सुनाई गई और पुलिस की सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।
केंद्रीय गृह मंत्रालय को उस पुलिस अफसर की सजा के बारे में जुलाई, 2015 में ही पता चला। इस मामले को तत्काल पंजाब सरकार के समक्ष उठाया गया। जिसने सजा मिलने की बात की पुष्टि की। इसके बाद ही उस सजायाफ्ता पूर्व पुलिस अफसर से पदक वापस लेने की कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। खुफिया एजेंसियों से राय लेने के बाद गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को गुरमीत सिंह से पदक वापस लेने के बारे में एक प्रस्ताव भेजा। राष्ट्रपति ने विगत सात जून को इस प्रस्ताव को मंजूर कर लिया।
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