माओवादियों की मदद से सशस्त्र आंदोलन की तैयारी में गोजमुमो
गोजमुमो नेतृत्व ने माओवादियों से मदद लेने के पुलिस के दावे को पूरी तरह से निराधार बताया है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (गोजमुमो) पृथक गोरखालैंड राज्य के लिए माओवादियों की मदद से लंबे सशस्त्र आंदोलन की तैयारी कर रहा है। गोजमुमो द्वारा पड़ोसी देश से माओवादी दस्ते को अपने मिशन को पूरा करने के काम में लगाए जाने के सुराग मिले हंै। एडीजी (कानून व्यवस्था) अनुज शर्मा ने रविवार को इसका पर्दाफाश किया।
शर्मा ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि गोजमुमो ने अपने कार्यकर्ताओं को सशस्त्र आंदोलन के लिए प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से माओवादियों को काम पर लगा रखा है। खुफिया एजेंसियों से इसके सुराग मिले है। प्रशिक्षित दस्ता सरकारी संपत्तियों और पुलिस तथा प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को निशाना बना सकता है। इससे पहाड़ में स्थिति और विस्फोटक हो सकती है।
हालांकि गोजमुमो नेतृत्व ने माओवादियों से मदद लेने के पुलिस के दावे को पूरी तरह से निराधार बताया है। गोजमुमो के महासचिव रोशन गिरी ने कहा है कि इस तरह का बयान गोजमुमो को बदनाम करने और पहाड़ में आंदोलन को पटरी से उतारने के लिए दिया जा रहा है। वहीं एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सरकार पहाड़ में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। स्थिति पर काबू पाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
अनिश्चितकालीन बंद के 38 दिनों में पहाड़ में थानों और पुलिस चौकियों पर हमले के कई उदाहरण मौजूद हैं। वहां से माओवादी शैली में हथियार और गोला बारूद भी लूट लिए गए थे। हिंसक आंदोलन की खुफिया जानकारी मिलने के बाद सरकार ने पहाड़ में कई शीर्ष आइपीएस अधिकारियों को भेज दिया है। उन अधिकारियों के पास माओवादी खतरों का सामना करने का व्यापक अनुभव है।
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