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पंचतत्व में विलीन हुए गजेंद्र सिंह, गांव में पसरा मातम

आम आदमी पार्टी की रैली में बुधवार को खुदकुशी करने वाले किसान गजेंद्र का अंतिम संस्‍कार राजस्थान के दौसा में उसके गांव नांगल झमरवाड़ा में हुआ। गजेंद्र की मौत पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि एक किसान की आत्महत्या दुखद है, इसपर राजनीति ना हो।

By Sumit KumarEdited By: Published: Thu, 23 Apr 2015 08:15 AM (IST)Updated: Thu, 23 Apr 2015 04:27 PM (IST)
पंचतत्व में विलीन हुए गजेंद्र सिंह, गांव में पसरा मातम

दौसा। आम आदमी पार्टी की रैली में बुधवार को खुदकुशी करने वाले किसान गजेंद्र का अंतिम संस्कार राजस्थान के दौसा में उसके गांव नांगल झमरवाड़ा में हुआ। गजेंद्र की मौत पर लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि एक किसान की आत्महत्या दुखद है, इसपर राजनीति ना हो।

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इससे पहले राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट, पूर्व सीएम अशोक गहलोत और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह मृत किसान गजेंद्र के घर पहुंचे और अपनी शोक संवेदनाएं जताईं। इस मौके पर अशोक गहलोत ने कहा कि यह कोई मामूली तबाही नहीं है। हमने पहले भी राज्य सरकार को आगाह किया था, लेकिन अभी तक राज्य सरकार इसपर गंभीर नहीं हुई है। सचिन पायलट ने कहा कि यह सिस्टम की विफलता की वजह से हुआ है, हम हर संभव मदद करेंगे।

वहीं गजेंद्र सिंह के गांव पहुंचे राजस्थान सरकार के समाज कल्याण मंत्री अरुण चतुर्वेदी का आक्रोशित ग्रामीणों ने घेराव किया। गजेंद्र की शव यात्रा के दौरान ''गजेंद्र का बलिदान, याद करेगा हिंदुस्तान, जय जवान-जय किसान'' के नारे भी लगाए गए।

रेवाड़ी में भी शोक की लहर

उधर, गजेंद्र की मौत के बाद हरियाणा के रेवाड़ी के कुण्डल गांव में भी शोक का माहौल है। दरअसल यहां गजेंद्र की बहन का ससुराल है। जब गजेंद्र यहां आता था तब पगड़ी बंधवाने वालों में होड़ लगी रहती थी। कुण्डल गांव के लोगों ने कहा कि गजेंद्र बेबाकी से बात कहने वाला दबंग किसान था। वहीं गजेंद्र के बहनोई दिनेश चौहान ने कहा कि एक बार सिर्फ पगड़ियां बांधने फ्लाइट से लखनऊ गया था। उस समय वह समाजवादी पार्टी से जुड़ा था, हमें नहीं पता कि उसने कब और कैसे आप की झाड़ू थाम ली।

जांच क्राइम ब्रांच को

इस बीच परिजनों के बयान को गंभीरता से लेते हुए खुदकुशी मामले की पड़ताल के लिए क्राइम ब्रांच की टीम दिल्ली से राजस्थान के दौसा गांव पहुंच गई है। पुलिस इस बात का पता लगाएगी कि आखिर किन परिस्थतियों में किसान गजेंद्र ने खुदकुशी की। बताया जा रहा है कि पुलिस गजेंद्र सिंह के फोन कॉल्स की भी जांच करेगी।

'गजेंद्र की मौत के लिए अरविंद केजरीवाल जिम्मेदार'

गजेंद्र के परिजनों ने मौत के लिए आम आदमी पार्टी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया कि उसे खुदकुशी के लिए उकसाया गया होगा। पड़ोसियों का कहना है कि गजेंद्र की मौत की खबर सुनते ही उनके वृद्ध पिता बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़े थे। गजेंद्र के चाचा जयवीर सिंह ने बताया कि गजेंद्र दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के संपर्क में था और रैली से पहले सुबह 11 बजे वह मनीष सिसोदिया के घर उनसे मिलने भी गया था। उन्होंने बताया कि फसल बर्बाद हो गई थी और किसी ने सही रिपोर्ट नहीं दी थी। वह यही बात उठाने दिल्ली गया था। गजेंद्र के चचेरे भाई राजेंद्र सिंह ने कहा, 'बिजली के खंभे पर चढ़कर बिजली के तार काटे जा सकते हैं, लेकिन पेड़ पर चढ़कर उसे बचाया नहीं जा सकता था। अगर किसी बड़े नेता के घर का कोई मरता, तो क्या रैली वैसे ही चल रही होती? वहां बैठकर उसे उकसाया गया है, तब उसने जान दी है।' गजेंद्र के रिश्तेदारों का कहना है कि आम आदमी पार्टी की तरफ से अभी कोई मैसेज नहीं आया है, जब रैली में उसे किसी ने नहीं बचाया तो वो फोन क्या करेंगे। एक अन्य रिश्तेदार ने कहा कि उम्मीद लेकर गये थे कि हमारा भला हो। पर्ची इसलिए दी थी कि बोलना है, लेकिन उसे बोलने का मौका नहीं मिला।

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