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गजेंद्र सिंह एक मिनट में 12 लोगों को बांध देते थे पगड़ी

फसल बर्बादी के गम में जिंदगी का दामन छोड़ने वाले गजेंद्र सिंह कल्याणवत महज एक किसान नहीं थे। विधानसभा चुनाव लड़ चुके गजेंद्र का राजस्थान के दौसा में जयपुरिया साफे का कारोबार था। गजेंद्र को इस कला में महारत थी। वह एक मिनट में 12 लोगों के सिर पर पगड़ी

By Sumit KumarEdited By: Published: Thu, 23 Apr 2015 01:49 PM (IST)Updated: Thu, 23 Apr 2015 02:44 PM (IST)
गजेंद्र सिंह एक मिनट में 12 लोगों को बांध देते थे पगड़ी

नई दिल्ली। फसल बर्बादी के गम में जिंदगी का दामन छोड़ने वाले गजेंद्र सिंह कल्याणवत महज एक किसान नहीं थे। वह सामाजिक व राजनीतिक रूप से भी सक्रिय और समृद्ध थे। विधानसभा चुनाव लड़ चुके गजेंद्र का राजस्थान के दौसा में जयपुरिया साफे का कारोबार था।

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उन्होंने देश-दुनिया के नामचीन शख्सियतों को अपने हाथों से जयपुरिया साफा पहनाया था। इनमें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी, राजनाथ सिंह और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन जैसी हस्तियां शामिल हैं।

गजेंद्र को इस कला में महारत थी। वह एक मिनट में 12 लोगों के सिर पर पगड़ी बांध देते थे। गजेंद्र पगड़ी को 33 तरह से बांध सकते थे। कारोबार को बढ़ाने के लिए उन्होंने जयपुरी साफे के नाम से वेबसाइट भी बनाई थी। उनकी 19 बीघा जमीन है।


(आप की रैली में फांसी लगाने वाले गजेंद्र सिंह की वेबसाइट का होम पेज)

राजनीति में भी सक्रिय थे
गजेंद्र मूल रूप से दौसा जिले के बांदीकुई विधानसभा इलाके के रहने वाले थे। वह युवावस्था से ही चाचा गोपाल सिंह नांगल के साथ राजनीति में सक्रिय थे। नांगल प्रधान व सरपंच भी रह चुके थे। गजेंद्र ने भाजपा के साथ राजनीति की शुरुआत की। भाजपा के स्थानीय कार्यक्रमों में उनकी सक्रिय भागीदारी रहती थी।

वर्ष 2003 में उन्होंने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। चुनाव भी लड़ा लेकिन भाजपा की अलका सिंह से हार गए। वर्ष 2013 में उन्होंने विधानसभा टिकट मिलने की आस में कांग्रेस का दामन थाम लिया। कांग्रेस में जब उनकी अनदेखी की गई तो वे आम आदमी पार्टी के करीब आ गए।

संपन्न परिवार से था गजेंद्र
दौसा प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि गजेंद्र सिंह संपन्न परिवार से ताल्लुक रखता था। उनके पास कई फार्म हाउस हैं। फसल बर्बाद होने की वजह से उसने जान नहीं दी है। हालांकि किसान के घरवालों का यही कहना है कि गजेंद्र ने फसल बर्बाद होने के चलते खुदकशी की है।

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