गजेंद्र की मौत के मामले में माफी मांगना इमोशनल टीआरपी का खेल
गजेंद्र सिंह की मौत मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा माफी मांगने को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इमोशनल टीआरपी का खेल बताया है। पार्टी का कहना है कि मुख्यमंत्री का माफी मांगना पर्याप्त नहीं है, उन्हें बताना होगा कि इस मौत के लिए कौन जिम्मेदार है। गजेंद्र को इंसाफ
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। गजेंद्र सिंह की मौत मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा माफी मांगने को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इमोशनल टीआरपी का खेल बताया है। पार्टी का कहना है कि मुख्यमंत्री का माफी मांगना पर्याप्त नहीं है, उन्हें बताना होगा कि इस मौत के लिए कौन जिम्मेदार है। गजेंद्र को इंसाफ मिलना चाहिए व दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो। माफी मांगकर मुख्यमंत्री अपने आप को दयालु व असहाय दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।
सामने आया मुख्यमंत्री का अहंकार
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा कि मुख्यमंत्री व आप के अन्य नेताओं के सामने एक व्यक्ति की जान चली गई, लेकिन वे भाषण देते रहे। यह मानवता की हत्या है। घटना के दो दिन बाद केजरीवाल ने चुप्पी तोड़ी भी तो उसमें उनका अहंकार सामने आया। मुख्यमंत्री का कहना है कि तीन दिनों से जो ड्रामा चल रहा है, वह बंद होना चाहिए। उनके अनुसार इस मामले को मीडिया बेवजह तूल दे रहा है। उपाध्याय ने कहा कि मुख्यमंत्री को यह बताना चाहिए इस ड्रामे का सूत्रधार कौन है?
आखिर किसने गजेंद्र को राजस्थान से दिल्ली बुलाया और पार्टी का चिह्न् देकर पेड़ पर चढ़ाया? किसने तालियां बजाकर आत्महत्या के लिए उकसाया? गजेंद्र को पेड़ से उतारने के लिए सीढ़ी ले जाने से रोकने वाले आप कार्यकर्ताओं के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई? मंच से कुमार विश्वास का इशारा व किसी नेता का कहना कि लटक गया के बारे में भी केजरीवाल को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। आप विधायक अल्का लांबा और सोमनाथ भारती द्वारा ट्वीट करना और फिर उसे हटा लेना भी संदेहास्पद है।
सतीश उपाध्याय ने कहा कि मृतक के भाई का कहना है कि गजेंद्र को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुलाया था, लेकिन सिसोदिया चुप्पी साधे हुए हैं। मुख्यमंत्री भी इस बारे में कुछ नहीं बोल रहे हैं। आप के नेता पुलिस को दोषी ठहराने की कोशिश कर रहे थे और अब मुख्यमंत्री पुलिस को क्लीन चिट दे रहे हैं। जांच पूरी होने तक सिसोदिया को पद से हटाया जाना चाहिए।
भाजपा के मुताबिक, यदि केजरीवाल या आप के किसी बड़े नेता का रिश्तेदार होता तो क्या उसके साथ भी वैसा ही व्यवहार होता जैसा गजेंद्र के साथ किया गया। माफी मांगने के बजाय केजरीवाल को बताना चाहिए कि उनके लिए भाषण जरूरी था या एक व्यक्ति की जिंदगी।