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'फ्रेंड्स टू हेल्प' लोगों को दे रहे जीवनदान

हर वक्त मदद को तैयार रहते हैं 40 हजार रक्तदाता

By Srishti VermaEdited By: Published: Sat, 21 Oct 2017 10:20 AM (IST)Updated: Sat, 21 Oct 2017 10:20 AM (IST)
'फ्रेंड्स टू हेल्प' लोगों को दे रहे जीवनदान
'फ्रेंड्स टू हेल्प' लोगों को दे रहे जीवनदान

फतेहाबाद (मणिकांत मयंक)। हरियाणा के बहादुरगढ़ में बदमाशों और पुलिस के बीच जमकर मुठभेड़ होती है। सिपाही रवींद्र दूहन के पेट में गोली लग जाती है। घायल सिपाही को अस्पताल लाया जाता है। जीवन बचाने के लिए उसे तत्काल रक्त की जरूरत है। रक्त भी दुर्लभ बी-निगेटिव समूह का। पुलिस कप्तान अपने सहयोगियों को तुरंत रक्त की व्यवस्था करने को कहते हैं। आनन-फानन में यमुनानगर स्थित इंडिया ब्लड ग्रुप से संपर्क किया जाता है। वहां से फतेहाबाद से संचालित ब्लड डोनर ग्रुप फ्रेंड्स टु हेल्प का हेल्पलाइन नंबर मिलता है। इस नंबर पर कॉल करने के ठीक 15 मिनट के अंदर नीरज शर्मा नाम का नौजवान दुर्लभ बी-निगेटिव ब्लड डोनेट करने को उपस्थित हो जाता है। इस तरह, एक मददगार की मदद से रवींद्र की जान बच जाती है। नीरज जैसे हजारों मददगार मौत से जंग में जिंदगी को जीत दिला रहे हैं।

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फ्रेंड्स टु हेल्प
देश के हर कोने में फ्रेंड्स टु हेल्प ग्रुप के 40 हजार से अधिक रक्तदाता हर वक्त मदद को तैयार रहते हैं। इस पहल के सूत्रधार हैं महज 20 साल के तनुज गोयल। उन्हें इस काम की प्रेरणा अपने पिता से मिली। पिता सतभूषण गोयल अब तक कुल 91 बार रक्तदान कर चुके हैं। बकौल तनुज, पिताजी के मार्गदर्शन में जब पहली बार रक्तदान दिया तो इस ओर कुछ और करने की प्रेरणा मिली। वाट्सएप पर फ्रेंड्स टु हेल्प नाम से रक्तदाताओं के 50 ग्रुप बनाए। फ्रेंड्स टु हेल्प से जुड़ने वाले रक्तदाताओं को उनके शहर के एकएक समन्वयक से जोड़ दिया। हर समन्वयक ने भी अपने स्तर पर समूह बना लिए। इस तरह कारवां बढ़ता गया। देश के हर कोने में 40 हजार से अधिक रक्तदाताओं की फौज खड़ी हो गई।

देशभर में नेटवर्क
हरियाणा, बिहार, झारखंड, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, जम्मू, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ व गोवा जैसे प्रदेशों में कुल 183 समन्वयक सक्रिय हैं। इनमें हर आयु वर्ग, जाति-संप्रदाय और पेश से जुड़े पढ़े-लिखे लोग शामिल हैं। इंडियन सोसायटी फॉर ब्लड ट्रांसफ्यूजन एंड हीमेटोलॉजी के संरक्षक डॉ. शिव सचदेवा भी इनमें से एक हैं। सचदेवा कहते हैं, यह बहुत अच्छी पहल है। रक्तदान से बड़ा कोई धर्म नहीं है। झज्जर के पुलिस कप्तान बी सतीश बालन कहते हैं, बहादुरगढ़ मुठभेड़ में सिपाही की जान बचाने के दौरान 15-20 यूनिट ब्लड चढ़ाया गया था। फ्रेंड्स टु हेल्प का सहयोग कैसे भुलाया जा सकता है।

-20 साल के युवा ने खड़ी की रक्तदाताओं की फौज
-हेल्पलाइन नंबर 70277-00702, वाट्सएप पर हजारों सदस्य
-जरूरतमंदों को मिनटों में उपलब्ध कराते हैं रक्त
-देशभर में सैकड़ों समन्वयक

मिनटों में पहुंचती है मदद
हेल्पलाइन नंबर 70277-00702 पर कॉल आने पर मरीज का नाम, पता, नंबर और ब्लड ग्रुप की सूचना वाट्सएप के सभी समूहों में तुरंत फैल जाती है। सूचना मिलते ही स्थानीय समन्वयक तुरंत सक्रिय हो जाते हैं। अधिक से अधिक पांच मिनट में संबंधित ब्लड ग्रुप वाले रक्तदाता की उपलब्धता सुनिश्चित हो जाती है। गत दो साल में इस वाट्सएप ग्रुप के जरिये अब तक 2000 से अधिक लोगों को मदद पहुंचाई जा चुकी है।

समय पर मदद मिलने से किसी का जीवन बच जाए तो इससे बेहतर और क्या होगा। हर अच्छा इंसान यही चाहेगा कि वह किसी जरूरतमंद का जीवन बचा सके तो इससे बड़ा पुण्य कार्य कुछ और नहीं हो सकता। ऐसी ही अच्छे लोग जुड़ते चले जा रहे हैं। -तनुज गोयल, संस्थापक, फ्रेंड्स टु हेल्प रक्तदान समूह

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