पूर्व आतंकी की पत्नी भी शामिल थी श्रीनगर में आय़ोजित जीएसटी सम्मेलन में
श्रीनगर में आयोजित जीएसटी सम्मेलन में पूर्व आतंकी की पत्नी लायजन अधिकारी के तौर पर नियुक्त थी।
श्रीनगर (जेएनएन)। ग्रीष्मकालीन राजधानी में जीएसटी की 14वीं बैठक संपन्न हुए एक सप्ताह हो चुका है। इसमें भाग लेने आए देश के विभिन्न राज्यों के वित्तमंत्रियों समेत 150 विशिष्ट नागरिक अपने राज्य सुरक्षित लौट चुके हैं, लेकिन इनके लिए नियुक्त लायजन अधिकारियों में पूर्व आतंकी कमांडर फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे की पत्नी असबाह उल अर्जमंद खान के शामिल होने से नया विवाद पैदा हो गया है। इसे सुरक्षा तंत्र में चूक का नाम दिया जा रहा है।
गौरतलब है कि शेर ए कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआइसीसी) में जीएसटी परिषद की 14वीं बैठक 18 और 19 मई को हुई थी। इसमें वित्त एवं रक्षा मंत्री अरुण जेटली भी शामिल हुए थे। सम्मेलन में भाग लेने के लिए सभी विशिष्टजन संरक्षित व्यक्ति श्रेणी में आते हैं। सम्मेलन स्थल पर आतंकी हमले का खतरा भी था। इसे देखते हुए एसकेआइसीसी के चारों तरफ एक मजबूत सुरक्षा चक्र बनाया गया था। किसी भी अवांछित व्यक्ति को इस परिसर में दाखिल होने की इजाजत नहीं थी, जो सुरक्षाकर्मी वहां तैनात थे, उनकी भी लगातार स्क्रीनिंग होती रही है।
सम्मेलन में भाग लेने के लिए आए विशिष्टजनों के साथ राज्य प्रशासन ने 63 लायजन अधिकारी नियुक्त किए थे। इनमें पूर्व आतंकी कमांडर की पत्नी का नाम 51वें नंबर पर था। उनकी पहुंच मुख्य सम्मेलन कक्ष और उनमें भाग लेने आए महानुभावों के बीच पूरी तरह थी। कश्मीर प्रशासनिक सेवा की अधिकारी असाबह के पति फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे 1990 के दशक की शुरुआत में कश्मीर के सबसे ज्यादा दुर्दात आतंकियों में एक था। कराटे ने खुद एक वीडियो में 20 कश्मीरी पंडितों की हत्या की बात कथित तौर पर कुबूली है। 11 साल पूर्व 2006 में जेल से रिहा होने के बाद वह कश्मीर की अलगाववादी सियासत में चला गया। आज कल जेकेएलएफ के आर गुट की कमान संभाले हुए है। पूर्व आतंकी कमांडर के साथ उनका प्रेम विवाह वर्ष 2011 में हुआ था। असबाह-उल-अरजमंद खान इन दिनों समाज कल्याण विभाग के कश्मीर निदेशालय में बतौर सह निदेशक प्रशाासन नियुक्त हैं।
असबाह को लायजन अधिकारी बनाए जाने का मामला शायद तूल न पकड़ता, अगर इन दिनों राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) द्वारा उनके पति फारूक अहमद डार से कश्मीर में गत वर्ष हुए सिलसिलेवार हिंसक प्रदर्शनों के सिलसिले में पूछताछ न की जा रही होती। बिट्टा कराटे पर भी आरोप है कि वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ व लश्कर सरगना हाफिज सईद से हवाला नेटवर्क के जरिए पैसा लेकर कश्मीर में आतंकी हिंसा को हवा देने में लिप्त है। जीएसटी बैठक के दौरान असबाह को लायजन अधिकारी बनाए जाने पर हालांकि सभी अधिकारी चुप हैं। कोई भी बोलने को तैयार नहीं है।
अधिकारियों में मची खलबली
राज्य पुलिस के सुरक्षा विंग के प्रभारी अतिरिक्त महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि मुझे इस बारे में कुछ नहीं मालूम। इसलिए मैं कुछ नहीं कह सकता। इस बीच, एक अन्य अधिकारी ने कहा कि इस मामले को अनावश्यक तूल दिया जा रहा है।
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