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बस्सी के UPSC सदस्य बनने पर बोली आप- केंद्र ने चुकाया एहसान

केंद्र सरकार ने दिल्‍ली के पूर्व पुलिस कमिश्‍नर को यूपीएससी का सदस्‍य बनाया है। उनकी नियुक्ति पर आप ने केंद्र पर निशाना साधा है। आप का कहना है कि ऐसा करके केंद्र ने बस्‍सी का एहसान चुकाया है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 31 May 2016 06:44 PM (IST)Updated: Tue, 31 May 2016 11:52 PM (IST)
बस्सी के UPSC सदस्य बनने पर बोली आप- केंद्र ने चुकाया एहसान

नई दिल्ली (प्रेट्र)। दिल्ली पुलिस के पूर्व कमिश्नर बीएस बस्सी को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) का सदस्य बनाया गया है। मंगलवार को केंद्र सरकार ने इस संवैधानिक पद पर 60 वर्षीय बस्सी की नियुक्ति कर दी। उनकी नियुक्ति के बाद आप ने इसको लेकन सीधेतौर पर केंद्र पर निशाना साधा है। आप का कहना है कि केंद्र ने उनका एहसान चुका दिया है।

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बस्सी की नियुक्ति पर आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि इससे साबित होता है कि सरकार ने भाजपा के वरिष्ठ प्रवक्ता का एहसान चुकाया है। आप नेता आशुतोष ने कहा कि नियुक्ति सरकार का विशेषाधिकार है। यह साफ हो गया है कि किसके इशारे पर मिस्टर बस्सी काम कर रहे थे और उनका एहसान चुकाया गया है। उन्होंने कहा कि आप स्पष्ट तौर पर कहती रही है कि बस्सी भाजपा के वरिष्ठ प्रवक्ता के तौर पर काम कर रहे थे। इसलिए यूपीएससी सदस्य के तौर पर नियुक्ति इस तथ्य को साबित करती है कि वह भाजपा के वरिष्ठ प्रवक्ता थे।

यूपीएस में अध्यक्ष सहित 11 सदस्यीय आयोग में बस्सी का कार्यकाल पांच वर्षो के लिए होगा। वह फरवरी, 2021 में रिटायर होंगे। यूपीएससी देश में आइएएस, आइपीएस और आइएफएस समेत अन्य सेवा के अफसरों का चयन करने के लिए हर साल सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करता है।

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1977 बैच के आइपीएस अधिकारी भीम सेन बस्सी इस वर्ष फरवरी में ही दिल्ली के पुलिस कमिश्नर पद से सेवानिवृत्त हुए थे। संविधान के अनुसार यूपीएससी के सदस्य का कार्यकाल अधिकतम छह वर्ष अथवा 65 वर्ष की उम्र तक के लिए होता है। चूंकि इस वर्ष फरवरी में 60 वर्ष का होने पर बस्सी रिटायर हुए थे। इसलिए संघ लोक सेवा आयोग के सदस्य के रूप में उनका कार्यकाल पांच वर्ष बाद फरवरी, 2021 में पूरा हो जाएगा। दिल्ली पुलिस आयुक्त के रूप में उनका कार्यकाल सुर्खियों में रहा। आम आदमी पार्टी सरकार से आए दिन टकराव और कार्यकाल के आखिरी महीनों में जेएनयू छात्र नेताओं की गिरफ्तारी को लेकर बस्सी का नाम लगातार चर्चा में रहा।पाक पीएम नवाज शरीफ की ओपन हार्ट सर्जरी सफल, ICU में शिफट

सदस्य के रूप में बस्सी की नियुक्ति के बाद यूपीएससी में 10 सदस्यों की निर्धारित संख्या अब पूरी हो गई है। इनके अलावा अल्का सिरोही, डेविड आर सिएमलाई, मनबीर सिंह, डीके देवन, विनय मित्तल, छतर सिंह, प्रो. हेमचंद्र, अरविंद सक्सेना और प्रो. प्रदीप कुमार जोशी भी आयोग के सदस्य हैं। दीपक गुप्ता यूपीएससी के अध्यक्ष हैं।

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आइएएस, आइपीएस और अन्य अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों को भी आयोग के सदस्य के रूप में चयनित किया जाता है। सीबीआइ के पूर्व निदेशक एपी सिंह भी यूपीएससी के सदस्य थे। लेकिन विवादित मांस कारोबारी मोइन कुरैशी के साथ नाम उछलने के बाद आइपीएस संवर्ग के सिंह ने जनवरी, 2015 में इस्तीफा दे दिया था।


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