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PAK को भारत का फिर से कड़ा जवाब, अगर बात होगी तो सिर्फ आतंकवाद पर

भारतीय विदेश मंत्रालय के तरफ से पाकिस्तान के दूसरे खत का जवाब देते हुए कहा गया है कि सिर्फ आतंकवाद पर ही बात होगी।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Thu, 25 Aug 2016 05:14 PM (IST)Updated: Thu, 25 Aug 2016 09:15 PM (IST)
PAK को भारत का फिर से कड़ा जवाब, अगर बात होगी तो सिर्फ आतंकवाद पर

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कुछ महीने पहले तक पाकिस्तान के एक कदम के जवाब में दो कदम बढ़ने को तैयार दिख रहे भारत ने अब रुख सख्त कर लिया है। अब पाकिस्तान को दिखाना होगा कि वह दो कदम बढ़ रहा है तभी भारत आगे बढ़ेगा। यही कारण है कि कश्मीर मुद्दे पर बात करने का दवाब बना रहे पाकिस्तान को भारत ने फिर लताड़ लगाई है।

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भारत ने गुरुवार को दोहराया कि वार्ता सिर्फ सीमा पार से चलाई जा रही आतंकी गतिविधियों को लेकर होनी चाहिए। भारतीय विदेश सचिव एस जयशंकर ने पाकिस्तानी समकक्ष एजाज अहमद चौधरी को इस बारे में नया पत्र लिखा है। यह पिछले एक पखवाड़े के भीतर भारतीय विदेश सचिव की तरफ से चौधरी को लिखा गया दूसरा पत्र है। इस दौरान चौधरी भी दो बार पत्र लिखकर कश्मीर पर बातचीत का प्रस्ताव भेज चुके हैं। चौधरी ने पिछले शुक्रवार को जयशंकर को पत्र लिखकर कश्मीर पर वार्ता के लिए इस्लामाबाद आने को आमंत्रित किया था।

इसके पहले भी पाकिस्तान की तरफ से वार्ता की पेशकश हुई थी जिसका भारत ने बहुत ही तल्खी से जबाव दिया था कि वह बातचीत का इच्छुक है लेकिन यह सिर्फ पाक की तरफ से भारत में चलाई जा रही आतंकी गतिविधियों के बारे में होनी चाहिए। भारत ने यह भी कहा था कि दोनों देशों के रिश्तों की राह में पाक समर्थित आतंकवाद सबसे बड़ी बाधा है। भारत ने फिर स्पष्ट किया है कि पिछले कुछ वर्षो के दौरान पाकिस्तान के साथ वह कश्मीर समस्या पर जो वार्ता कर रहा था अब वह उसे आगे बढ़ाने नहीं जा रहा।

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हालांकि, भारत की तरफ से भेजी गई दूसरी चिट्ठी के फौरन बाद पाकिस्तान ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने भारतीय विदेश सचिव की तरफ से भेजी गई चिट्ठी के बाद फौरन प्रतिक्रिया में कहा कि कश्मीर में अत्याचार की वजह से 80 लोगों की मौत हो चुकी है और पांच हजार से ज्यादा लोग घायल हैं। ऐसे में हमारा ये मानना है कि इस समस्या का समाधान सिर्फ बातचीत से ही हो सकता है। उन्होंने कहा कि अगर भारत और पाकिस्तान में कभी बातचीत होगी तो कश्मीर अहम मुद्दा होगा।

पिछले एक दशक में जब भी भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय वार्ता के बाद संयुक्त घोषणा पत्र जारी हुआ है उसमें कश्मीर मुद्दे के शांतिपूर्ण तरीके से समाधान का जिक्र किया गया है। दिसंबर, 2015 में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ इस्लामाबाद में हुई बातचीत के बाद जारी घोषणा पत्र में भी कश्मीर समेत तमाम पुराने मुद्दों का समाधान निकालने का जिक्र किया गया था। लेकिन अब भारत साफ तौर पर कह रहा है कि वह कश्मीर पर कोई बात नहीं करेगा।

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