पश्चिम बंगाल का नाम बांग्ला करने का प्रस्ताव नामंजूर
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पश्चिम बंगाल का नाम बदल कर बांग्ला करने पर पड़ोसी देश बांग्लादेश के साथ भ्रम पैदा हो सकता है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। विदेश मंत्रालय ने पड़ोसी देश बांग्लादेश के साथ कूटनीतिक समस्या का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पश्चिम बंगाल का नाम बदल कर बांग्ला करने के प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया है।
सूत्रों के मुताबिक राज्य सचिवालय और केंद्रीय गृह मंत्रालय को लिखे पत्र में विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पश्चिम बंगाल का नाम बदल कर बांग्ला करने पर पड़ोसी देश बांग्लादेश के साथ भ्रम पैदा हो सकता है। गृह मंत्रालय चाहता है कि इस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार को ऐसा एक नाम तय करना चाहिए जो बांग्ला, अंग्रेजी और ¨हदी के उच्चारण में कोई भिन्नता पैदा नहीं कर सके।
विपक्षी दलों द्वारा असहमति जताने के बावजूद पिछले वर्ष अगस्त के अंत में राज्य विधानसभा से पश्चिम बंगाल का नाम बदल कर बांग्ला करने का प्रस्ताव पारित हुआ था। पश्चिम बंगाल का नाम बांग्ला भाषा में बांग्ला, अंग्रेजी में बेंगाल और ¨हदी में बंगाल करने का प्रस्ताव था। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य का नाम बांग्ला करने का प्रस्ताव विधानसभा से पारित करा कर केंद्र के पास उसे अनुमोदन के लिए भेज दिया था। मुख्यमंत्री ने राज्य का नाम बदलने के लिए तर्क दिया कि बांग्ला ही सटीक नाम है।
इसमें बंगाल की साहित्य और संस्कृति की व्यापक झलक मिलती है। हालांकि राज्य का नाम बदलने का एक और कारण यह था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 2016 में हुई अंतरराज्यीय परिषद की बैठक में ममता को डब्ल्यू अक्षर से राज्य का नाम शुरू होने पर अंत में अपना वक्तव्य रखने के लिए छह घंटे इंतजार करना पड़ा था। इस घटना के बाद ममता ने राज्य का नाम बदलने का निर्णय किया।
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