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उपराष्ट्रपति चुनावः नायडू ने किया नामांकन, भाजपा को बताया 'मां'

सूत्रों ने बताया कि गोपालकृष्ण गांधी के साथ वाम दलों और टीएमसी समेत अन्य शीर्ष विपक्षी नेता भी उस दौरान रहेंगे।

By Mohit TanwarEdited By: Published: Tue, 18 Jul 2017 08:23 AM (IST)Updated: Tue, 18 Jul 2017 12:40 PM (IST)
उपराष्ट्रपति चुनावः नायडू ने किया नामांकन, भाजपा को बताया 'मां'
उपराष्ट्रपति चुनावः नायडू ने किया नामांकन, भाजपा को बताया 'मां'

नई दिल्ली, जेएनएन। एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार वेंकैया नायडू ने दो सेटों में नामांकन दाखिल किया। नामांकन दाखिल करने के बाद वेंकैया ने कहा कि उऩ्हें उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बनाए जाने पर गर्व है।

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उनके साथ प्रधानमंत्री मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, लालकृष्ण आडवाणी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज समेत तमाम NDA नेता पहुंचे । नायडू ने ट्वीट कर कहा कि मैं खुश हूं कि मुलायम सिंह ने मुझे आशीर्वाद दिया और अपना पूर्ण समर्थन दिया। नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले नायडू ने मुरली मनोहर जोशी और लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया।

बता दें कि उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन भरने का आज आखिरी दिन है। सोमवार शाम भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में वेंकैया नायडू के नाम पर मुहर लगाई गई। वेंकैया नायडू की तरफ से नामांकन के दो सेट दाखिल किया। पहले सेट में बतौर प्रस्तावक पीएम मोदी और अनुमोदक गृहमंत्री राजनाथ सिंह के हस्ताक्षर हैं। दूसरे सेट में प्रस्तावक वित्त मंत्री अरुण जेटली और अनुमोदक विदेश मंत्री सुषमा स्वराज हैं।

अपनी मां की मृत्यु के बाद मैंने पार्टी को अपनी मां समझाः नायडू

वेंकैया नायडू ने नामांकन भरने के बाद उम्मीदवार बनाने के लिए बीजेपी को और सहयोगी दलों को समर्थन करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि आज से मेरा रोल अलग होगा, भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए नामंकित होना गर्व की बात। हमेशा से सार्वजनिक जीवन रहा।

हमेशा लोगों के साथ काम किया, उपराष्ट्रपति का काम इससे अलग होता है। मैं उपराष्ट्रपति के पद और राज्यसभा की गरिमा का ध्यान रखूंगा। मैं बहुत साधारण व्यक्ति हूं। एक सामान्य परिवार से आता हूं। यहां तक लोगों और बीजेपी के कारण पहुंचा हूं। अपनी मां की मृत्यु के बाद मैंने पार्टी को अपनी मां समझा। अब पार्टी का सदस्य नहीं हूं। उम्मीद करता हूं उपराष्ट्रपति के पद के साथ न्याय कर सकूं।

वेंकैया नायडू का राजनीतिक करियर

वेंकैया नायडू शुरु से ही पार्टी के भरोसेमंद रहे हैं। उन्हें 1980 में भाजपा यूथ विंग और आंध्र प्रदेश विधानसभा का नेता प्रतिपक्ष बनाया गया था। शुरुआती दौर में वे आंध्र भाजपा के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक थे। नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी के बाद पार्टी ने उनका कद बढ़ाते हुए 1988 में उन्हें आंध्र भाजपा का अध्यक्ष बना दिया।

1993 से 2000 तक वेंकैया भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव रहे। 2002 में वे पहली बार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। वे दिसंबर 2002 तक अध्यक्ष रहे। इसके बाद 2004 में वह दोबारा अध्यक्ष बने।

वेंकैया का जन्म 1947 में आंध्र प्रदेश में हुआ था। वेंकैया ने नेल्लोर के आंदोलन में हिस्सा लेते हुए विजयवाड़ा के आंदोलन का नेतृत्व कियाष 1974 में वे आंध्र विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष चुने गए। .

इसके बाद वह आपातकाल के दौरान जेपी आंदोलन से जुड़े।आपातकाल के बाद ही उनका जुड़ाव जनता पार्टी से हो गया। बाद में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा 2002 से 2004 तक उन्हें  का अध्यक्ष बनाया गया।

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