आसिम पर बरसे केजरीवाल, कहा - 'मैं तुमसे बात नहीं करना चाहता'
दिल्ली सरकार में रहे कैबिनेट मंत्री आसिम अहमद का मंत्री पद मात्र 120 गज के प्लाट पर अवैध निर्माण के मामले में चला गया। इस कार्रवाई से पहले इतने गुप्त रूप से काम किया गया कि सचिवालय में बैठे मंत्री आसिम अहमद खान को भी भनक तक नहीं लग सकी
नई दिल्ली [वी.के.शुक्ला] । दिल्ली सरकार में रहे कैबिनेट मंत्री आसिम अहमद का मंत्री पद मात्र 120 गज के प्लाट पर अवैध निर्माण के मामले में चला गया। इस कार्रवाई से पहले इतने गुप्त रूप से काम किया गया कि सचिवालय में बैठे मंत्री आसिम अहमद खान को भी भनक तक नहीं लग सकी कि उनके दफ्तर से पांच मंजिल नीचे सीएम दफ्तार में उन्हें हटाने की तैयारी चल रही है।
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यह बात शाम तीन बजे की है। उस समय आसिम अहमद को इस पूरे मामले की भनक तक नहीं थी। वह अपने दफ्तर में एक बैठक कर रहे थे। उसी समय संदेश आया कि मुख्यमंत्री जी बुला रहे हैं। उस समय तीसरे फ्लोर पर मुख्यमंत्री दफ्तर के कांफ्रेंस रूम में उच्चस्तरीय कमेटी की बैठक चल रही थी।
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आसिम को बुलाए जाने से पहले मुख्यमंत्री इस मामले में कमेटी को अपना फैसला बता चुके चुके थे और उन्होंने बैठक में मौजूद अन्य सदस्यों से भी कहा था कि इससे अलग अगर वे अपनी बात रखना चाहें तो बताएं। मगर मुख्यमंत्री के कड़े फैसले के बाद किसी ने बोलना उचित नहीं समझा। आसिम जब दफ्तर में पहुंचे तो उन्हें देखते ही मुख्यमंत्री केजरीवाल अपनी सीट से गुस्से में उठे और कहा कि मैं तुमसे बात नहीं करना चाहता। वह यह कहते हुए बैठक छोड़कर चले गए और उनके जाने के बाद कमेटी के अन्य सदस्यों ने सिस्टम ऑन कर आडियो टेप को आसिम को सुना दिया।
उनसे पूछा गया कि यह क्या है ? क्या यह आवाज उनकी है ? आसिम ने अपना जवाब हां में दिया और कहा कि मुझसे गलती हुई है। इसके अलावा अन्य कोई बात नहीं हुई। कमेटी ने अपना फैसला सुना दिया कि आप से मंत्री पद लिया जा रहा है आप इस्तीफा दे दें। आसिम ने एक सादे कागज पर इस्तीफा लिखा और दफ्तर वापस नहीं गए, वहीं से एक सीधे एक निजी कार से अपने घर चले गए।
दिल्ली सरकार से जुड़े सूत्रों की मानें तो जो एक घंटे का आडियो टेप जारी किया गया है। यह लगभग एक माह पहले का है। जिसमें अलग अलग चरण में बात की गई है। बृहस्पतिवार को यह दिल्ली सरकार के पास पहुंचा था। कुछ समय पहले किसी ने इसे पार्टी के पटेल नगर कार्यालय में शिकायत कक्ष में पहुंचाया था। पार्टी स्तर पर इस टेप के बारे में तहकीकात की गई थी जिसमें पता चला था कि मामला सही है। इसके बाद बृहस्पतिवार को इस टेप को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के संज्ञान में लाया गया था। जिसे उन्होंने और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को सुना था।
ज्ञात हो कि आसिम अहमद पूर्व में कांग्रेस से जुड़े रहे हैं, लोकसभा चुनाव के समय यह कांग्रेस का साथ छोड़ कर आप में शामिल हुए थे। अपने अच्छे व्यवहार और हर मुश्किल की घड़ी में पार्टी की मदद करने की भावना रखने के चलते उन्होंने पार्टी में अपनी इतनी अहमियत बना ली थी कि उन्हें मंत्री पद दिया गया। पार्टी में उन्हें साफ सुथरा माना जा रहा था।
यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि आर्थिक रूप से भी आसिम को सक्षम कहा जा रहा है। इस विधानसभा चुनाव में आसिम को मटिया महल सीट से टिकट दिया गया था, जिसमें कभी अपने नजदीकी मित्र रहे कांग्रेस के शोएब इकबाल को हरा कर चुनाव जीता था। इन्हीं की विधानसभा क्षेत्र में अवैध निर्माण हो रहा है।