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पंचायत चुनाव के बाद यूपी में लागू होगा खाद्य सुरक्षा कानून

देश की 84 करोड़ आबादी को दिसंबर तक खाद्य सुरक्षा कानून के तहत रियायती दर पर अनाज मुहैया कराने की सरकार की योजना है। 20 राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों में तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। राशन प्रणाली में दर्ज उपभोक्ताओं के ब्यौरे आन लाइन कर दिये गये हैं।

By Test3 Test3Edited By: Published: Wed, 04 Nov 2015 09:30 PM (IST)Updated: Wed, 04 Nov 2015 10:40 PM (IST)
पंचायत चुनाव के बाद यूपी में लागू होगा खाद्य सुरक्षा कानून

नई दिल्ली। देश की 84 करोड़ आबादी को दिसंबर तक खाद्य सुरक्षा कानून के तहत रियायती दर पर अनाज मुहैया कराने की सरकार की योजना है। 20 राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों में तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। राशन प्रणाली में दर्ज उपभोक्ताओं के ब्यौरे आन लाइन कर दिये गये हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु व जम्मू-कश्मीर जैसे बड़े राज्यों की तैयारियां आधी अधूरी हैं। उत्तर प्रदेश ने पंचायत चुनावों के चलते प्रदेश सरकार ने मार्च तक का समय मांगा है।

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खाद्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक असम, गोवा, सिक्किम व आंध्र प्रदेश ने हाल ही में केंद्र को ब्यौरा भेजकर कहा है कि वे खाद्य सुरक्षा कानून के प्रावधानों को लागू करने के लिए सभी पुख्ता तैयारियां पूरी कर ली हैं। अक्तूबर 2014 तक खाद्य सुरक्षा कानून के समूचे देश में लागू हो जाना चाहिए था। लेकिन गुजरात, तमिलनाडु जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर समेत पूर्वोत्तर के दो राज्यों ने अपनी अक्षमता जाहिर करते हुए इसे लागू करने से स्पष्ट रूप से मना कर दिया था।

उत्तर प्रदेश के तीन चौथाई जिलों में उपभोक्ताओं के ब्यौरे डिजीटल हो चुके हैं, लेकिन सरकार ने पंचायत चुनाव के चलते इस काम को पूरी तरह रोक दिया है। राज्य प्रशासन के सूत्रों कहना है कि सूबे में पूरी तरह लागू करने में मार्च तक का समय चाहिए। इसके पहले कार्य पूरा करना संभव नहीं होगा।

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फिलहाल बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में खाद्य सुरक्षा कानून पूरी तरह से लागू हो गया है। जबकि चंडीगढ़, पुडुचेरी और दादरा नगर हवेली जैसे केंद्र शासित प्रदेशों में इस पर अमल हो चुका है। खाद्य सुरक्षा कानून संसद में सितंबर 2013 में संप्रग सरकार के कार्यकाल में पारित हुआ था। हालांकि यह नरेंद्र मोदी की सरकार में लागू होने जा रहा है। प्रशासनिक लापरवाही के चलते कानून सभी राज्यों में अभी भी लागू नहीं हो सका है।

अक्तूबर 2014 के बाद से खाद्य मंत्रालय कानून पर देशभर में अमल की अवधि कई चरणों में सितंबर 2015 तक बढ़ाया चुका है। इसके बाद सरकार की ओर से कहा गया कि खाद्य सुरक्षा कानून लागू करने के लिए अब अवधि नहीं बढ़ाई जाएगी। सभी राज्यों से कहा गया कि जितना जल्दी हो सके कानून लागू करें। संप्रग सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना खाद्य सुरक्षा कानून के तहत देश की कुल आबादी के 67 फीसद को अति रियायती दर पर अनाज उपलब्ध कराया जाएगा।


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