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ओडिशा में हालात खराब, 3.36 लाख लोग बाढ़ में फंसे

हालांकि देश में मानसून इस वर्ष कमजोर रहा है, किंतु नदियों में आई बाढ़ तथा बादल फटने की घटनाओं ने काफी नुकसान पहुंचाया है। ओडिशा में हालांकि महानन्दी और वैतरणी नदियों में पानी उतरने लगा है किंतु स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है। डेढ़ लाख से अधिक लोगों ने अस्थायी राहत शिविरों में शरण ले रखी है, जबकि 526 गांवों

By Edited By: Published: Sun, 10 Aug 2014 12:23 AM (IST)Updated: Sun, 10 Aug 2014 07:41 AM (IST)
ओडिशा में हालात खराब, 3.36 लाख लोग बाढ़ में फंसे

जेएनएन, नई दिल्ली। हालांकि देश में मानसून इस वर्ष कमजोर रहा है, किंतु नदियों में आई बाढ़ तथा बादल फटने की घटनाओं ने काफी नुकसान पहुंचाया है। ओडिशा में हालांकि महानन्दी और वैतरणी नदियों में पानी उतरने लगा है किंतु स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है। डेढ़ लाख से अधिक लोगों ने अस्थायी राहत शिविरों में शरण ले रखी है, जबकि 526 गांवों में साढ़े तीन लाख लोग अब भी बाढ़ में फंसे हुए हैं। राहत और बचाव कार्य जारी है।

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उत्तराखंड के गढ़वाल में बारिश और भूस्खलन जानलेवा साबित हो रहे हैं। उत्तरकाशी जिले में करीब एक घंटे तक हुए भूस्खलन में एक टैक्सी पहाड़ी से गिरे बोल्डर की चपेट में आ गई। हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई और आठ घायल हो गए। इसके अलावा चार धाम यात्रा मार्गो पर यातायात बाधित है। बदरीनाथ और गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग अभी भी बंद हैं। हालांकि दोपहर बाद केदारनाथ और यमुनोत्री हाईवे पर आवाजाही शुरू हो गई। शनिवार की सुबह सोनप्रयाग से 10 यात्रियों को केदारनाथ रवाना किया गया। पहाड़ों में नदियां उफान पर हैं। मंदाकिनी, भागीरथी, यमुना और गंगा उफान पर बनी हुई हैं। मौसम विभाग के अनुसार अगले चौबीस घंटों में उत्तरकाशी ओर चमोली जिले में कहीं-कहीं भारी वर्षा की आशंका है।

रुद्रप्रयाग में मंदाकिनी नदी के बढ़ते जलस्तर से लोगों की नींद उड़ी हुई है। प्रशासन ने नदी किनारे रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा है।

हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला की कजलोट पंचायत के अप्पर चौहला गांव में भूस्खलन से 13 मकान मलबे की चपेट में आ गए हैं। यह पहाड़ी मूसलधार बारिश से शुक्रवार शाम करीब आठ बजे से दरकना शुरू हुई थी। पंचायत ने तुरंत कार्रवाई करते सभी मकानों को खाली करवा दिया और यहां रह रहे 11 परिवारों को गांव के साथ लगते अन्य घरों में ठहरा दिया है।

उत्तर प्रदेश में उफनाई कुछ नदियों का जलस्तर घटने लगा है, लेकिन यमुना और बेतवा में हर घंटे बीस सेंटीमीटर बढ़ते पानी ने कई जिलों में बाढ़ का खतरा बढ़ा दिया है। गंगा और रामगंगा के चेतावनी बिंदु तक पहुंचने से प्रशासन सतर्क हो गया है। भीषण कटान ने लोगों की दिक्कतें बढ़ा दी हैं। गोंडा में बाढ़ के पानी में डूबकर एक किसान और फर्रुखाबाद में एक युवक की मौत हो गई।

गोंडा के साखीपुर में दो दर्जन लोग संक्रामक बीमारियों की गिरफ्त में आ गए हैं। वाराणसी में गंगा 10 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से नीचे उतर रही हैं। उधर बलिया में उफनाती घाघरा के जलस्तर में कमी दर्ज की गई है। औरैया में यमुना के खतरे के निशान के करीब पहुंचने के बाद जलस्तर स्थिर हो गया है। उधर, फर्रुखाबाद और हरदोई में रामगंगा और गंगा में जलस्तर चेतावनी बिंदु के बेहद करीब पहुंच गया है।

शनिवार का दिन दिल्ली वालों के लिए उमस और गर्मी भरा रहा। यहां आ‌र्द्रता का अधिकतम प्रतिशत 87 प्रतिशत रिकार्ड किया गया। शनिवार को दिल्ली में बेहद मामूली 0.4 मिमी. बारिश और तापमान 35.4 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।

राजस्थान में शनिवार को भारी बारिश से शहरों में बाढ़ जैसी स्थिति हो गई। राजधानी जयपुर में लगातार हो रही बारिश से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन दल और यहां तक कि हेलीकाप्टर की भी व्यवस्था की गई है।

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