सीमा विवाद सुलझाने पर भारत और चीन के बीच वार्ता शुरू
भारत और चीन के बीच दशकों से चले आ रहे सीमा विवाद को सुलझाने के लिए वार्ता शुरू हो गई है। हैदराबाद हाऊस में दोनों देशों के बीच 18वीं सचिव स्तरीय वार्ता में विशेष प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया है। भारत की ओर से प्रतिनिधियों का नेतृत्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित
नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच दशकों से चले आ रहे सीमा विवाद को सुलझाने के लिए वार्ता शुरू हो गई है। हैदराबाद हाऊस में दोनों देशों के बीच 18वीं सचिव स्तरीय वार्ता में विशेष प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया है। भारत की ओर से प्रतिनिधियों का नेतृत्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल कर रहे हैं, तो वहीं चीन की ओर से उनके समकक्ष यांग जेइची नेतृत्व कर रहे हैं।
नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद इस मसले पर पहली बार वार्ता प्रारंभ हुई है। दोनों पक्षों द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की जाएगी। विदेश मंत्रालय के मुताबिक वार्ता में हिस्सा लेने के लिए यांग 22 से 24 मार्च तक के लिए भारत के दौरे पर रहेंगे। पिछले साल सितंबर में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के भारत दौरे के वक्त 18वें दौर की सीमा वार्ता शुरू करने पर सहमति बनी थी। गौरतलब है कि मई में प्रधानमंत्री मोदी की संभावित चीन यात्रा से पहले बातचीत का दौर शुरू हो रहा है।
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शी का भारत दौरा लद्दाख के चुमार क्षेत्र में चीनी सैनिकों की घुसपैठ की घटना के साए में हुआ था। चीन के राष्ट्रपति के दौरे के बाद दोनों देशों के सैनिकों के एक साथ पीछे हटने के बाद विवाद ठंडा पड़ा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना के बाद एलएसी पर स्थिति स्पष्ट करने का सुझाव दिया था ताकि सीमा पर शांति स्थापित किया जा सके। शी ने कहा था कि सीमांकन नहीं होने के कारण भविष्य में चुमार जैसी घटनाएं हो सकती हैं।
हाल में प्रधानमंत्री के अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर भी चीन ने कड़ा एतराज जताया था। पिछले महीने बीजिंग यात्रा के दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सीमा विवाद का हल निकालने के लिए लीक से हटकर काम करने की वकालत की थी।
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