सुप्रीम कोर्ट के कड़े तेवर देख बीएस-6 की तैयारियों में जुटी कंपनियां
एक अनुमान के मुताबिक बीएस 6 मानक के लिए तेल कंपनियों और ऑटो कंपनियों को तकरीबन 1.35 लाख करोड़ रुपये के नये निवेश करने होंगे।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। उत्सर्जन मानक पर सुप्रीम कोर्ट के तल्ख तेवर देख कार कंपनियों और सरकारी तेल कंपनियों के होश उड़ गये हैं। इन दोनों उद्योगों से जुड़ी कंपनियों के सामने यह साफ हो गया है कि उन्हें अब हर कीमत पर एक अप्रैल, 2019 से देश भर में बीएस6 मानकों के हिसाब से ही वाहन व ईंधन देने होंगे। एक तरफ जहां देश में नए मानक वाले पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री की पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय में समीक्षा की गई है वही मारुति, हुंडई समेत अन्य दिग्गज ऑटो कंपनियों ने नए मानकों को लागू करने की समीक्षा की है।
एक अनुमान के मुताबिक बीएस 6 मानक के लिए तेल कंपनियों और ऑटो कंपनियों को तकरीबन 1.35 लाख करोड़ रुपये के नये निवेश करने होंगे। इसमें से तेल कंपनियों को 85 करोड़ रुपये के निवेश करने होंगे तो ऑटो कंपनियों की तरफ से 50 हजार करोड़ रुपये के नए निवेश करने होंगे। मारुति सुजुकी के एक्जीक्यूटिव ऑफीसर (सेल्स व मार्केटिंग) आर एस कलसी ने बताया कि, 'हमारी कंपनी बीएस6 की तैयारियों में पूरी तरह से जुटी हुई है। हमारे वाहन समय से काफी इन मानकों के लिए तैयार होंगे।'
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होंडा कार्स, हुंडई मोटर्स, मर्सिडीज बेंज के सूत्रों का भी कहना है कि वे नए मानकों के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और इसमें कोई कोताही नहीं होगी। इन सभी कंपनियों के लिए भारत दुनिया के सबसे अहम कार बाजार में से एक है। नए निवेश की वजह से क्या आने वाले दिनों में कारों की कीमतें भी बढ़ेंगी इस बारे में पूछने पर इन कंपनियों का कहना है कि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी। लेकिन यह तय है कि बीएस4 के बाद सीधे बीएस6 मानक के मुताबिक ईंजन बनाने के लिए काफी लागत बढ़ जाएगी। जाहिर है कि इसका असर बिक्री मूल्य पर भी पड़ेगा।
सबसे ज्यादा रिफाइनरी वाली सरकारी कंपनी इंडियन ऑयल के सूत्रों का कहना है कि वर्ष 2015 के अंत में केंद्र की तरफ से वर्ष 2019-2020 से सिर्फ बीएस 6 पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री का एलान किया गया था। हमारा अनुमान है कि इसके लिए आइओसी की रिफाइनरियों पर 40 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश करना होगा। इस बारे में लगातार पेट्रोलियम मंत्रालय से भी बात हो रही है। हर रिफाइनरी के हिसाब से रोडमैप बन चुका है। कुछ अनुमति अभी पेट्रोलियम मंत्रालय से लेने शेष हैं। अब यह काम ज्यादा तेजी से होगा।
सनद रहे कि पहले के नियम के मुताबिक अप्रैल, 2022 से बीएस5 मानक लागू होने थे और 01 अप्रैल, 2024 से बीएस6 लागू होनी थी। लेकिन नवंबर, 2015 में केंद्र सरकार ने सीधे अप्रैल, 2020 से बीएस6 मानकों को लागू करने का ऐलान किया था। कंपनियों यह कोशिश में थी कि इस अवधि में थोड़ी बढ़ोतरी हो लेकिन अब बीएस3 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उन्हें राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।
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