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ऑनलाइन एफआइआर का सपना हुआ साकार

राजनाथ सिंह ने किया डिजिटल पुलिस पोर्टल का उद्घाटन...

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Mon, 21 Aug 2017 09:24 PM (IST)Updated: Mon, 21 Aug 2017 09:24 PM (IST)
ऑनलाइन एफआइआर का सपना हुआ साकार
ऑनलाइन एफआइआर का सपना हुआ साकार

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कंप्यूटर पर एक क्लिक के सहारे अपराधियों की सारी करतूतों का सच सामने आने का सपना काफी हद तक पूरा हो गया है। यही नहीं, अब एफआइआर के लिए थाने का चक्कर लगाने की झंझट भी नहीं रहेगी और आनलाइन ही इसे दर्ज करा सकेगें। इन तमाम खूबियों से लैस डिजिटल पुलिस पोर्टल का गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने उद्घाटन किया। राजनाथ सिंह ने इसे प्रधानमंत्री के 'मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेस' की दिशा में अहम कदम बताया है। यह पोर्टल सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रेकिंग नेटवर्क सिस्टम) का हिस्सा है।

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राजनाथ सिंह ने कहा कि देश की सभी पुलिस, खुफिया और जांच एजेंसियों को डिजिटल पुलिस पोर्टल का उपयोग करने की सुविधा दे दी गई है। इस पोर्टल के सहारे वे 11 तरीके के डाटा और 46 तरह के रिपोर्ट को कंप्यूटर के एक क्लिक के सहारे हासिल कर सकेंगे। इससे अपराधियों के पुराने सारे अपराधों को आसानी से देखा जा सकेगा और पुलिस की जांच और अपराधी को सजा दिलाने में आसानी होगी। सबसे बड़ी बात यह है कि इसके माध्यम से आम आदमी अब अपनी शिकायत आनलाइन भी पुलिस में दर्ज कर सकेगा। इसके साथ वह केस में जांच की प्रगति को भी आनलाइन ही देख सकेगा।

फिलहाल इस पोर्टल से देश के 15398 थानों में से 13775 थानों को जोड़ा जा चुका है और अगले साल 31 मार्च तक बाकी बचे थानों को इससे जोड़ दिया जाएगा। इसके बाद पुलिस को अब लिखित शिकायत का भी डिजिटल डाटा इस पोर्टल पर डालना होगा। गृहमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अपराध से जुड़े पुराने रिकार्ड को भी इस पोर्टल पर डालने का काम तेजी से चल रहा है और अब तक सात करोड़ से ज्यादा रिकार्ड को इस पर डाला जा चुका है।

सीसीटीएनएस के अगले चरण में इसे देश के सभी निचली अदालतों और जेलों के आनलाइन पोर्टल से जोड़ने की है। ताकि अपराधियों के खिलाफ केस से जुड़ी सारी जानकारी जेल अधिकारियों, जजों और पुलिस अधिकारियों को एक साथ मिल सके। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सीसीटीएनएस के पूरी तरह से क्रियान्वित होने के बाद आम जनता को पुलिस के एनओसी के लिए भटकना नहीं पडे़गा। पासपोर्ट से लेकर कई तरह की सुविधाओं के लिए आम जनता को पुलिस से एनओसी लाना पड़ता है। इसके चालू होने के बाद आसानी से आनलाइन ही एनओसी हासिल किया जा सकेगा।


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