Move to Jagran APP

डीओपीटी के पांच अधिकारियों के खिलाफ एफआइआर

सीबीआइ के अनुसार खुद डीओपीटी ने इन अधिकारियों के खिलाफ जांच की सिफारिश की थी।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Tue, 28 Nov 2017 10:30 PM (IST)Updated: Tue, 28 Nov 2017 10:30 PM (IST)
डीओपीटी के पांच अधिकारियों के खिलाफ एफआइआर
डीओपीटी के पांच अधिकारियों के खिलाफ एफआइआर

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। फर्जी बिल के सहारे सरकारी खजाने को लाखों रुपये का चूना लगाने वाले कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के अधिकारियों पर सीबीआइ का शिकंजा कस गया है। पांच आरोपी अधिकारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के बाद जांच एजेंसी ने दिल्ली-एनसीआर में 11 स्थानों पर छापा मारा। सीबीआइ के अनुसार खुद डीओपीटी ने इन अधिकारियों के खिलाफ जांच की सिफारिश की थी।

prime article banner

सीबीआइ की एफआइआर के अनुसार प्रशिक्षण विभाग के अवर सचिव संजय मेहता, सेक्शन आफिसर हेमंत व विजय पाल, असिस्टेंट सेक्शन आफिसर आरके अरोड़ा व महेंद्र सिंह ने डाटा इंट्री आपरेटर अशोक ने एक साजिश के तहत चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 में ट्रेनिंग पर होने वाले खर्च में फर्जी बिल लगा कर भुगतान कर लिया। इस साल अभी तक ट्रेनिंग के लिए 67 बिलों पर 9.21 करोड़ का भुगतान किया गया। लेकिन भनक लगने के बाद हुई प्रारंभिक विभाग जांच में इनमें से पांच वेंडर के बिलों को फर्जी पाया गया। इन्हें लगभग 18 लाख रुपये का भुगतान किया गया था।

विभाग की प्रारंभिक जांच की रिपोर्ट के बाद सितंबर में ही इन अधिकारियों के निलंबित कर दिया गया था। इसके साथ ही सीबीआइ को इस मामले की जांच के लिए कहा गया था। सीबीआइ की शुरूआती जांच में आरोपों के सही पाए जाने के बाद सोमवार को आरोपियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली गई और संबंधित लोगों के ठिकानों पर छापा मारा गया। सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जल्द ही इन आरोपियों को पूछताछ के लिए तलब किया जाएगा।

यह भी पढ़ें : जिस अधिकारी ने किया भंडाफोड़, उसी के पीछे पड़ गई आप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.