Move to Jagran APP

जीप पर युवक को बांधने का मामला नहीं हुआ खत्म, जांच जारी

पत्‍थरबाज से बचाव के लिए कश्‍मीर में एक मेजर ने कश्‍मीरी युवक को अपने जीप के आगे बांध लिया था और इस घटना के बाद मामले पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है और जांच जारी है।

By Monika minalEdited By: Published: Tue, 23 May 2017 02:26 PM (IST)Updated: Tue, 23 May 2017 03:12 PM (IST)
जीप पर युवक को बांधने का मामला नहीं हुआ खत्म, जांच जारी
जीप पर युवक को बांधने का मामला नहीं हुआ खत्म, जांच जारी

श्रीनगर (राज्‍य ब्‍यूरो)। पुलिस महानिरीक्षक कश्मीर मुनीर अहमद खान ने मंगलवार को कहा कि बडगाम में एक नागरिक को हयूमन शील्ड बनाए जाने के मामले में पुलिस ने किसी को क्लीन चिट नहीं दी है। आरोपी मेजर के खिलाफ एफआईआर रद नहीं होगी, जांच पूरी कर दोषी को संबधित कानून के तहत सजा दिलाई जाएगी।

loksabha election banner

गौरतलब है कि गत 12 अप्रैल को बीरवाह-बडगाम में मतदान के समय हुई हिंसा के दौरान शरारती तत्वों से मतदान कर्मियों व आम लोगों को बचाने के साथ-साथ किसी तरह के जनक्षति से बचने के लिए सेना के जवानों ने अपनी जीप के आगे एक तथाकथित पत्थरबाज को बांधा था। इस मामले पर पैदा हुए विवाद के बाद 13 अप्रैल को पुलिस ने एक एफआईआर दर्ज कर छानबीन शुरु कर दी थी। एफआईआर में किसी अधिकारी विशेष का नाम नहीं है। लेकिन लोगों के अनुसार, मेजर गोगोई ने उक्त युवक को बांधा था। लोग इस मामले को भूल चुके थे। लेकिन गत दिनों कश्मीर के दौरे पर आए थलसेना प्रमुख जनरल विपिन रावत द्वारा मेजर गोगोई को सम्मानित किए जाने के बाद यह घटना फिर सुर्खियों में आ गई है।

कश्मीर संभाग में पुलिस तंत्र की बतौर आईजी कमान संभालने के बाद पहली बार उत्तरी कश्मीर के सोपोर के दौरे पर पहुंचे मुनीर अहमद खान ने स्थानीय पत्रकारों द्वारा मेजर गोगोई के संदर्भ में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि सेना ने क्या किया, यह मेरा विषय नहीं है। लेकिन जहां तक इस मामले की जांच की बात है, जांच जारी है और हम एफआईआर को रदद नहीं करेंगे। जांच पूरी की जाएगी और जो इस मामले में दोषी होगा उसे कानून के मुताबिक दंड दिलाया जाएगा।

उत्तरी कश्मीर के आंतरिक सुरक्षा परिदृश्‍य और एलओसी पर होने वाली घुसपैठ संबंधी सवाल के जवाब में आईजीपी ने कहा कि इस समय उत्तरी कश्मीर में लगभग 90 आतंकी सक्रिय हैं। सरहद पार से घुसपैठ के प्रयास भी हो रहे हैं। लेकिन सेना,पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियां आतंकियों को मार गिराते हुए लोगों को एक शांत, सुरक्षित और विश्वासपूर्ण माहौल देने को संकल्पबद्ध हैं। आतंकियों के खिलाफ सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।

पुलिस से ज्यादा अभिभावकों की जिम्मेदारी

वादी में छात्रों द्वारा कक्षाओं का बहिष्कार कर सड़कों पर हिंसक प्रदर्शनों व राष्‍ट्रविरोधी गतिविधियों में हिस्सा लेने पर चिंता जताते हुए आईजीपी कश्मीर ने कहा बेशक पुलिस के लिए इस तरह की स्थिति को अकेले पूरी तरह सामान्य बनाना आसान नहीं है। लेकिन इसमें आम जनता और अभिभावकों को अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करना होगा। हम अपनी युवा पीढ़ी का अकादमिक भविष्य बर्बाद होता सहन नहीं कर सकते। अभिभावकों को चाहिए कि वह अपने बच्चे-बच्चियों के साथ पूरा संवाद कर, उन्हें सही-गलत के बारे में बताएं। मां-बाप की तुलना में पुलिस की भूमिका बहुत ही सीमित है।

यह भी पढ़ें: कश्मीर में युवाओं को पत्थरबाजी के लिए रोज दिए जाते हैं इतने पैसे...


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.