राजकुमार की न्यूटन अॉस्कर में भारत की अॉफिशियल एंट्री
ऑस्कर में न्यूटन को पहले पांच में पहुंचने के लिए पाकिस्तान की सावन , कंबोडिया की फर्स्ट दे किल्ड माई फादर, स्वीडन की द स्क्वायर और जर्मनी की इन द फेड का सामना करना पड़ेगा।
मुंबई। नूतन कुमार से न्यूटन बन कर नक्सल प्रभावित इलाके में चुनाव करवाने की जिम्मेदारी लेने वाले की कहानी पर बनी राजकुमार राव की फिल्म न्यूटन इस बार के एकेडमी अवॉर्ड्स यानि ऑस्कर पुरस्कारों के लिए दुनिया भर की चुनिंदा फिल्मों से मुकाबला करेगी।
फिल्म फेडरेशन ऑफ़ इंडिया ने न्यूटन को ऑस्कर के विदेशी सिनेमा खंड में भारत की आधिकारिक फिल्म के तौर पर चुन लिया है। लॉस एंजेलिस के डॉल्बी थियेटर में चार मार्च 2018 को जब 90वें ऑस्कर पुरस्कार बांटे जाएंगे तब न्यूटन वहां होगी या नहीं ये तो अभी से नहीं कहा जा सकता लेकिन आज यानि 22 सितंबर को रिलीज़ हुई अमित मसुरकर निर्देशित इस फिल्म की जमकर तारीफ़ हो रही है। न्यूटन को तेलुगु निर्माता सी वी रेड्डी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने सर्वसम्मति से चुना है। फेडरेशन को इस साल ऑस्कर के विदेशी सिनेमा सेक्शन के लिए 26 फिल्मों के नाम आये थे लेकिन न्यूटन को लेकर को लेकर सबकी सहमति रही। फेडरेशन के महासचिव सुपर्ण सेन ने बाद में इसकी घोषणा की। इस बार के ऑस्कर में न्यूटन को पहले पांच में पहुंचने के लिए पाकिस्तान की सावन , कंबोडिया की फर्स्ट दे किल्ड माई फादर, स्वीडन की द स्क्वायर और जर्मनी की इन द फेड का सामना करना पड़ेगा।
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फिल्म को ऑस्कर में ऑफिशियल एंट्री दिये जाने के बाद ख़ुश राजकुमार राव ने ट्विट किया कि - "मैं खुश हूं कि न्यूटन इस साल अॉस्कर के लिए भारत से अॉफिशियल एंट्री है।" एक और खास बात कि अमिताभ बच्चन ने भी इस फिल्म को देखने के बाद इसे 'आई ओपनर' कह कर तारीफ़ की है ।
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Very happy to share this news that #NEWTON is India's official entry to the #OSCARS this year. Congratulations team.— Rajkummar Rao (@RajkummarRao) September 22, 2017
बता दें कि, फिल्म न्यूटन का निर्देशन अमित मसूरकर ने किया है। इस फिल्म का कहानी एक आदर्शवादी लड़के की है जिसका नाम तो है नूतन लेकिन, उसने अपना नाम न्यूटन रख लिया है। यह आदर्शवादी लड़का (राजकुमार राव) ज़िंदगी के हर पहलू में ईमानदार रहने की कोशिश करता है। ऐसे में चुनाव के दौरान उसकी ड्यूटी लगती है छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाके में, जहां सिर्फ गिने-चुने वोटर हैं और यह इलाका नक्सलवाद से बुरी तरह से जूझ रहा है।