सियासी जमीन की जंग, रामलीला मैदान में कांग्रेस की किसान रैली आज
पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी के छुïट्टी से वापस आते ही कांग्रेस ने अपनी सियासी जमीन हासिल करने की मुहिम शुरू कर दी है। मोदी सरकार के भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ कांग्रेस ने तिहरे स्तर पर गोलबंदी तेज कर दी है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी के छुïट्टी से वापस आते ही कांग्रेस ने अपनी सियासी जमीन हासिल करने की मुहिम शुरू कर दी है। मोदी सरकार के भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ कांग्रेस ने तिहरे स्तर पर गोलबंदी तेज कर दी है। इस पूरे अभियान का नेतृत्व राहुल गांधी करेंगे। कांग्रेस रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में किसान रैली के जरिये शक्ति प्रदर्शन करेगी। इसके बाद संसद के बजट सत्र के दूसरे हिस्से में पार्टी राहुल की अगुवाई में भूमि अधिग्रहण को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ हमले तेज करेगी।
आक्रामक होंगे राहुल
लोकसभा चुनाव के खराब नतीजों के बाद राहुल की आलोचनाओं का दौर थम नहीं रहा है। करीब दो माह की छुïट्टी के चलते भी वह निशाने पर रहे हैं। अब वह अपनी नई पारी किसान और जमीन के अपने पसंदीदा मुद्दे के नाम पर शुरू करने के जा रहे हैं। रविवार को किसानों की रैली के जरिये वह मोदी सरकार के खिलाफ आक्रामक तेवर में अवतरित होंगे। रैली की तैयारी के लिए खासतौर से हरियाणा और राजस्थान ने खासी ताकत झोंक रखी है।
ड्राइविंग सीट पर आए
राहुल ने शनिवार को सोशल मीडिया और इंटरनेट पर भाजपा के खिलाफ अभियान चलाने के लिए जमीनवापसी.काम नाम से वेबसाइट भी लांच की। इसके पहले या कवर पेज से ही संकेत दे दिए गए हैं कि अब राहुल गांधी फ्रंट सीट पर होंगे। पहली बार पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को प्रचार सामग्र्री में दाहिने के बजाय बाएं हिस्से पर जगह दी गई है। दाहिने हिस्से पर इस दफा राहुल गांधी हैं। कुछ अन्य तस्वीरें भी हैैं, लेकिन सबमें प्रमुख राहुल हैं। वेबसाइट पर उपलब्ध वीडियो में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ कांग्रेस के प्रदर्शन और संसद व टीवी पर बहस के वीडियो हैैं। मगर इनसे ज्यादा वीडियो नरेंद्र मोदी के आम आदमी के हित से जुड़े बयानों और दावों के हैं।
रैली के समय पर सवाल
रैली से पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष ने अपने आवास पर किसानों से मुलाकात की। इस दौरान राहुल ने बताया कि वह हर राज्य का दौरा करेंगे और किसानों व मजदूरों के बीच जाकर उनकी बात सुनेंगे। हालांकि, भïट्टा-पारसौल से ताल्लुक रखने वाले किसान नेता धीरेंद्र सिंह ने किसान रैली के आयोजन के समय पर तीखे सवाल उठाए। खराब मौसम के चलते इन दिनों किसान रात दिन खेतों से अनाज बटोरने में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि फसल सहेजने में जुटे किसानों को छेडऩा ठीक नहीं है, लेकिन पार्टी का बुलावा आ गया तो रैली में आना पड़ा। हालांकि, इससे पार्टी नेताओं की सोच का भी पता चलता है। उन्हें किसानों की असल समस्या का पता नहीं है। नेताओं की पुरानी जमात पर हमला करते हुए सिंह ने कहा कि वे पार्टी में (आइटी) सूचना प्रौद्योगिकी की क्या बात करेंगे। ज्यादातर नेताओं को एसएमएस और ईमेल करना भी नहीं आता।
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