ये महिलाएं रोते हुए आती हैं और फिर पलक झपकते ही कर देती हैं काम तमाम
कैलाश ने भरोसा किया और उसे घर में घरेलू सहायिका का काम दे दिया। थोड़ी देर बाद जब वह कमरे में दाखिल हुई तो देखा कि आलमारी खुली है। लाखों के कीमती आभूषण गायब हैं।
नई दिल्ली [जेएनएन]। आर्थिक तंगी का हवाला देकर यदि कोई महिला आपके यहां घरेलू सहायिका का काम मांगने आती है तो उस पर आंख बंद करके भरोसा न करें। जांच पड़ताल के बाद ही उसे काम पर रखें। महिलाओं के वेश में लुटेरे गैंग भी हो सकते हैं। जनकपुरी इलाके में पिछले एक सप्ताह में इस तरह की दो वारदात सामने आ चुकी हैं। पुलिस मामले की तहकीकात में जुटी है।
जनकपुरी निवासी बुजुर्ग कैलाश कुमारी ने पुलिस को बताया कि उनके पास एक महिला रोती हुई आई। उसने कहा कि उसकी दो बेटियां हैं और घर में खाने को कुछ नहीं है। उसे काम की सख्त जरुरत है ताकि घर में दो वक्त की रोटी का इंतजाम हो सके। इस पर कैलाश ने कहा कि तुम्हारे पास सत्यापन के लिए जरुरी दस्तावेज हैं तभी काम पर रखा जाएगा। इस पर महिला ने कहा कि उसकी सास के पास दस्तावेज हैं, वे कल दिल्ली पहुंच रही हैं। दस्तावेज कल उपलब्ध हो जाएंगे।
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कैलाश ने भरोसा किया और उसे घर में घरेलू सहायिका का काम दे दिया। अगले दिन जब महिला पहुंची तो कैलाश ने उससे दस्तावेज मांगे तो उसने कहा कि ट्रेन के विलंब होने के कारण सास अब देर रात दिल्ली पहुंचेगी। कुछ ही देर बाद कैलाश बालकनी में जाकर धूप में बैठ गईं। थोड़ी देर बाद जब वह कमरे में दाखिल हुई तो देखा कि आलमारी खुली है। उसमें रखे लाखों के कीमती आभूषण गायब हैं।
इस घटना के करीब तीन दिन पूर्व ही जनकपुरी थाना क्षेत्र में ऐसी ही एक और घटना को अंजाम दिया गया था। यहां भी दो महिलाओं ने रोते हुए काम की मांग की और अपनी बातों में फंसाकर घरेलू सहायिका के तौर पर घर में दो दिन काम किया। तीसरे दिन महिला ने अलमारी में रखी डेढ़ किलो की आठ चांदी की मूर्तियां व 30 हजार नकदी उड़ा ली और मौके से फरार हो गईं। पुलिस दोनों मामले दर्ज कर जांच में जुटी है।
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