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सावधान! रात में खाने के बाद सीने में हो दर्द तो Heart Attack का खतरा

रात में खाना खाने के बाद अगर सीने में दर्द महसूस हो तो इसकी अनदेखी न करें। यह गैस नहीं, हार्ट अटैक का लक्षण हो सकता है।

By Pramod PandeyEdited By: Published: Mon, 24 Oct 2016 01:48 PM (IST)Updated: Mon, 24 Oct 2016 10:54 PM (IST)
सावधान! रात में खाने के बाद सीने में हो दर्द तो Heart Attack का खतरा

पटना [जेएनएन ]। रात में भोजन करने के बाद अचानक सीने में दर्द महसूस हो तो सावधान हो जाएं। इस तरह के दर्द की जांच जरूरी है। कई बार ऐसा दर्द हार्ट अटैक का संकेत भी हो सकता है। ये बातें दिल्ली के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. यू कॉल ने पटना हार्ट सम्मेलन में रविवार को कहीं।

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उन्होंने कहा कि रात में सीने में दर्द होने पर लोग उसे गैस का कारण मानकर टाल देते हैं, लेकिन कभी-कभी इसके गंभीर परिणाम देखने को मिलते हैं। इस तरह के दर्द हार्ट अटैक के झटके हो सकते हैं। समय पर इसकी पहचान कर तत्काल इलाज जरूरी होता है।

जीवनशैली में सुधार से दूर होंगे हृदय रोग

समिट में विभिन्न राज्यों से पहुंचे दर्जनों वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञों ने दूसरे दिन भी अपना अनुभव साझा किया। पटना हार्ट हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. प्रभात कुमार ने कहा कि जीवनशैली में आए बदलाव के कारण हार्ट की समस्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। धूम्रपान, मोटापा एवं मधुमेह से पीडि़त लोगों का हार्ट ज्यादा खराब होता है। नियमित व्यायाम एवं खानपान में सुधार से हार्ट की बीमारियों को दूर रखा जा सकता है।

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शरीर नीला होना हृदय रोग का लक्षण

दिल्ली से आए वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. राधाकृष्णन ने कहा कि कई बच्चों में जन्मजात हृदय रोग होता है। ऐसे मरीजों की पहचान जल्द करने की जरूरत होती है। बच्चों का शरीर या जीभ नीला दिखाई दे तो समझ जाएं कि उसके हार्ट में कोई समस्या है। निदान के लिए किसी हृदय रोग विशेषज्ञ से जल्द संपर्क करें। कई बार हार्ट में छेद होने के कारण इस तरह की समस्या पैदा होती है। इसका इलाज संभव है।

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बगैर सर्जरी पेसमेकर लगाना संभव

डॉ. विनिता अरोड़ा ने कहा कि बगैर सर्जरी के पेसमेकर लगाने की तकनीक विकसित कर ली गई है। इसे लीडलेस पेसमेकर कहते हैं। इसके परिणाम अच्छे आ रहे हैं। डॉ. आर डी यादव ने कहा कि मधुमेह के मरीजों को विशेष तौर पर सावधान रहने की जरूरत होती है। मधुमेह के कारण नसों पर रक्त का दबाव बढ़ जाता है, जिससे लकवा मारने की आशंका काफी बढ़ जाती है।

डॉ. राजीव कृष्ण, डॉ. शिशिर कुमार मिश्रा, डॉ.अनुभव भगत आदि ने भी अपने अनुभव साझा किए।


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