बच्चा दूध से जी चुराए तो चिप्स खिलाएं
आपका बच्चा दूध से जी चुराता है तो चिंता की जरूरत नहीं है। इस समस्या का हल है। दूध के बने और उससे अधिक पोषक वाले चिप्स जल्द ही बाजार में उपलब्ध होंगे। यह कारनामा किया है आइवीआरआइ ने।
अशोक कुमार, बरेली। आपका बच्चा दूध से जी चुराता है तो चिंता की जरूरत नहीं है। इस समस्या का हल है। दूध के बने और उससे अधिक पोषक वाले चिप्स जल्द ही बाजार में उपलब्ध होंगे। यह कारनामा किया है आइवीआरआइ ने। संस्थान ने ऐसी तकनीक विकसित की है, जिसमें बिना फैट वाले दूध की कई सामग्री आसानी से बन सकेंगी। जल्द यह तकनीक बाजार में होगी।
आइवीआरआइ (भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान) ने दूध और उनसे बनने वाले उत्पादों में तमाम शोध किए हैं। इसमें फैट निकालने के बाद बचे हुए दूध से भी कई किस्म की वस्तुएं तैयार करने की विधि बनाई हैं। फैट रहित दूध से बनने वाले कई उत्पाद जल्द बाजार में होंगे। आइवीआरआइ अपनी तकनीक व्यापारियों को उपलब्ध कराएगा।
इसके जरिए कम दामों में अधिक पोषक उत्पाद लोगों को मिल सकेंगे। इन उत्पादों में सबसे अहम दूध से बनने वाले चिप्स होंगे। अगर बच्चा दूध पीने में आनाकानी करता है तो ये चिप्स उसकी दूध की जरूरत को पूरा कर सकेंगे। अन्य चिप्स की भांति ये भी बाजार में पैकेट में उपलब्ध होंगे। उन चिप्स को फ्राई करके या फिर माइक्रोवेव में सेक कर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
व्रत में भी करें इस्तेमाल
फैटरहित दूध से बने चिप्स व्रत आदि में भी इस्तेमाल किए जा सकेंगे। घर के तापमान पर कई दिनों तक सुरक्षित रहने वाले ये चिप्स आसानी से उपयोग कर सकेंगे। व्रत के दिनों में ये चिप्स अन्य उत्पादों के मुकाबले अधिक पोषक होंगे।
लो-फैट पनीर और विमकी
संस्थान ने कम फैट वाला पनीर बनाने की भी विधि विकसित की है। यह आम पनीर की तरह दिखाई देगा, साथ ही इसका टेस्ट भी वैसा ही होगा। बावजूद इसके इस पनीर में फैट की मात्रा काफी कम होगी। इस कारण इसे कोई भी इस्तेमाल कर सकेगा। वहीं, संस्थान ने दूध से बनने वाले पफ्ड प्रोडेक्ट विमकी भी बनाया है। यह तलने पर फूल जाएगा।
ट्रेनिंग देगा आइवीआरआइ
दूध से बनने वाले इन उत्पादों को लेने के लिए संस्थान व्यापारियों को सात दिन की ट्रेनिंग भी देगा। शुरुआत में इसकी टेस्टिंग के दौरान भी प्रशिक्षण देगा। इसके लिए संस्थान और व्यापारी में अनुबंध होगा कि वह तकनीक सीखकर बाजार में प्रचार करेगा। बदले में संस्थान व्यापारी से मामूली शुल्क भी वसूल करेगा।
ये हैं विशेषताएं
अधिक पोषक और शुद्ध, घर के तापमान पर सुरक्षित, फैट की मात्रा कम, गुणवत्तायुक्त और सस्ते, स्वाद भी बेहतर।
इनका कहना है
संस्थान ने लो फैट दूध के उत्पाद तैयार करने की तकनीक बनाई है। इसे लोगों के लिए बाजार में उतारने की तैयारी है। ये उत्पाद स्वादिष्ट होने के साथ ही अधिक पोषक भी होंगे।
डॉ. एसके मेंदीरत्ता, विभागाध्यक्ष, पशुधन उत्पाद प्रौद्योगिकी, आइवीआरआइ