दलाई लामा के तवांग जाने से डरा चीन, कहा- पैदा कर सकते हैं ऐसे 14 दलाई लामा
दलाई लामा के उत्तराधिकारी को लेकर चीन इस कदर डर गया है कि विवादित बयान देने से भी नहीं चूक रहा है। चीन का कहना है कि वह ऐसे 14 दलाई लामा पैदा कर सकता है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। दलाई लामा का अरुणाचल प्रदेश स्थित तवांग जाना एक बार फिर से चीन के लिए चिंता का विषय बन गया है। दरअसल, वह दलाई लामा के उत्तराधिकारी को लेकर काफी डरा हुआ है। उसका कहना है कि यह उत्तराधिकारी चीन खुद तय करना चाहता है। चीन के थिंक टैंक लियांग जियांगमिन ने साफतौर पर कहा कि चीन दलाई लामा की जगह किसी अन्य उत्तराधिकारी को तिब्बत से लाना चाहता है। उनका कहना था कि तिब्बत में करीब 60 लाख लोग हैं, जिनमें से महज 20 लाख ही तिब्बत से बाहर रहते हैं। इसलिए चीन दलाई लामा जैसे 14 अन्यों को पैदा कर सकता है।
चीन के थिंक टैंक का कहना है कि दलाई लामा का तवांग जाना भारत और चीन के रिश्तों को खराब कर सकता है। उन्होंने इस बाबत एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि तवांग चीन का अधिकार क्षेत्र है। लियांग इंस्टिट्यूट ऑफ कंटेमप्रेरी तिबतन स्टडीज एट चाइना तिबतोलॉजी रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर हैं। उन्होंने कहा कि तवांग और तिब्बत का वर्षों पुराना नाता रहा है और चीन इस बात को शुरू से ही कहता रहा है कि यह चीन का हिस्सा है।
अपने दावों में उन्होंने कहा कि तवांग में मौजूद प्रसिद्ध तीन मंदिर और मठों का जिक्र इतिहास में भी तवांग से जोड़कर किया जाता रहा है। इतना ही नहीं वर्षों से यहां पर बौद्ध धर्म की शिक्षा लेने के लिए भिक्षु आते रहे हैं। यहां पर स्थानीय सरकार की मदद से तवांग श्राइन भी बनाई गई है। यही वजह है कि तवांग चीन का हिस्सा है, जिसका चीन हमेशा से ही दावा करता रहा है।
इस दौरान उन्होंने दलाई लामा के उस दावे को सिरे से खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने तवांग को भारत का हिस्सा करार दिया था। लियांग ने कहा कि साल 2009 में जब दलाई लामा तवांग गए थे तब उन्होंने इस तरह का बयान दिया था जो सरासर झूठ है। इसका चीन पहले भी विरोध करता रहा है। ऐसे में भी भारत ने दोबारा दलाई लामा को वहां आने का न्यौता देकर रिश्तों को खराब करने का काम किया है।
गौरतलब है कि दलाई लामा को 5 अप्रेल को तवांग के सुप्रसिद्ध मठ जाना है। लियांग ने इसका विरोध करते हुए कहा कि वह दोबारा इस तरह की चीजें नहीं होने देना चाहते हैं। उन्होंने साफतौर पर कहा कि चीन के विरोध के बाद भी भारत सराकर द्वारा दलाई लामा को न्यौता देना और उनका पूरा इंतजाम करना दोनों देशों के रिश्तों को खराब करेगा।