मानसून के दूसरे सत्र में कम बारिश की आशंका
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) ने मानसून सत्र के बचे दो महीनों (अगस्त-सितंबर) में सामान्य से कम बारिश होने की आशंका जताई है। मौसम विभाग का अगर यह पूर्वानुमान सही साबित होता है तो देश के कई हिस्सों में सूखे का संकट गहरा सकता है।
नई दिल्ली। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) ने मानसून सत्र के बचे दो महीनों (अगस्त-सितंबर) में सामान्य से कम बारिश होने की आशंका जताई है। मौसम विभाग का अगर यह पूर्वानुमान सही साबित होता है तो देश के कई हिस्सों में सूखे का संकट गहरा सकता है। हालांकि अब तक मानसून की बारिश औसत से 6 फीसद कम रही है। इसका खरीफ की बुआई पर खास असर नहीं देखा गया है।
आइएमडी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, अल-नीनो की वजह से देश भर में सामान्य के मुकाबले कम वर्षा की आशंका है। आइएमडी ने अगस्त में सामान्य के मुकाबले 10 फीसद कम बारिश का अनुमान लगाया है। वहीं, अगस्त व सितंबर के लिए मानसून के दीर्घकालिक अनुमान (एलपीए) के 84 फीसद बारिश होने का अनुमान लगाया है। यानी इन दोनों महीने में सामान्य के मुकाबले 16 प्रतिशत कम बारिश की आशंका है। हालांकि पूरे मानूसन सत्र के लिए आइएमडी ने बारिश के एलपीए (88 फीसद) को बरकरार रखा है।
देश की निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट ने भी पिछले सप्ताह अपने पूर्वानुमान को संशोधित किया है। मौसम एजेंसी का कहना है कि अगस्त के दौरान सामान्य के मुकाबले आठ फीसद कम बारिश हो सकती है। इससे पहले स्काईमेट ने सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान लगाया था।