रेलवे के खस्ता हाल के लिए दोषपूर्ण वित्तीय मॉडल जिम्मेदार
पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने कहा,'रेलवे का पूरा वित्तिय मॉडल दोषपूर्ण है, सरकार इसे स्वीकार करने में विफल रही है।
नई दिल्ली (आईएएनएस)। हाल ही में हुए रेल हादसे को लेकर रिपोर्ट सामने आई है जिसमें इन एक्सिडेंट की मुख्य वजह तोड़-फोड़ को बताया है। लेकिन पूर्व रेल मंत्री और अधिकारियों ने रेलवे की खराब बुनियादी सुविधाओं के लिए दोषपूर्ण वित्तिय मॉडल और आवश्यक तकनीकी उपायों को लागू करने में देरी को भी रेल हादसे के लिए जिम्मेदार बताया है।
पूर्व रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष जे पी बत्रा ने कहा, 'लालू प्रसाद यादव और ममता बनर्जी के रेल मंत्री रहने के दौरान किराए में वृद्धि नहीं की गई जिसके चलते रेलवे दिवालियापन के स्तर पर पहुंच गया है। रेलवे में बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए पैसों की व्यवस्था करने की जरूरत है और इसके लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है। अगर सरकार शून्य दुर्घटना लक्ष्य को प्राप्त करना चाहती है तो इसके लिए उसे काकोदकर समिति द्वारा दिए गए सुझावों जिसमें आवश्यक संसाधनों को व्यवस्थित कर उसे अपनाने को कहा गया है।'
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पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने कहा,'रेलवे का पूरा वित्तिय मॉडल दोषपूर्ण है, सरकार इसे स्वीकार करने में विफल रही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा,'रेलवे को राजनीतिक औजार की तरह इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। रेलवे दिवालिया होने के बेहद करीब है। यह 20,000 करोड़ रूपए के घाटे में चल रही है।
गौरतलब है कि साल 2012-13 के वार्षिक बजट के दौरान बोर्ड ने रेल किराए में वृद्धि की थी, जिसके चलते दिनेश त्रिवेदी को त्यागपत्र देना पड़ गया था। त्रिवेदी ने गाड़ी के पटरी से उतरने या दुर्घटनाओं के कई और भी कारक को जिम्मेदार बताया है।
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