बाप लापता, मां दृष्टिहीन, कौन करेगा नूर की परवरिश
बाप की पिटाई से दृष्टिहीन हुई मां नाजिया की कोख से दो दिन पहले पैदा हुई नूर की जिंदगी फिलहाल बेनूर ही लगती है, क्योंकि उसकी मां की आंखों की रोशनी और पिता दोनों गायब हैं। दृष्टिहीन और बेसहारा मां को पिछले 2 महीने से सिविल अस्पताल का मदर चाइल्ड
लुधियाना, [आशा मेहता]। बाप की पिटाई से दृष्टिहीन हुई मां नाजिया की कोख से दो दिन पहले पैदा हुई नूर की जिंदगी फिलहाल बेनूर ही लगती है, क्योंकि उसकी मां की आंखों की रोशनी और पिता दोनों गायब हैं। दृष्टिहीन और बेसहारा मां को पिछले 2 महीने से सिविल अस्पताल का मदर चाइल्ड विंग सिर्फ इसलिए सहारा दे रहा था, ताकि उसकी डिलीवरी सुरक्षित तरीके से कराई जा सके। डिलीवरी के बाद डिस्चार्ज होकर नाजिया अपनी इस नन्हीं जान को लेकर कहां जाएगी, यह अभी तय नहीं है। अस्पताल प्रशासन भी इस बात को लेकर चिंतित और असमंजस में है। क्योंकि महिलाओं की सुरक्षा और 'बेटी बचाओ' मुहिम चलाने वाली कोई भी संस्था फिलहाल नाजिया या नूर की सुध लेने नहीं पहुंची है।
17 वर्ष की उम्र में नाजिया का विवाह गोरखपुर के रहमत नगर निवासी अकबर के साथ हुआ। शादी के बाद चार बच्चे हुए। चारों बच्चों की मौत हो गई। इसके बाद पति ने उससे मारपीट करनी शुरू कर दी। उसकी एक आंख में बचपन से ही रोशनी नहीं थी। पति की मारपीट के चलते उसकी दूसरी आंख की रोशनी भी चली गई। तीन महीने पहले पति ने उसे मारपीट कर घर से निकाल दिया और स्वयं मकान छोड़कर कहीं चला गया। नाजिया पति को ढूंढते हुए गोरखपुर रेलवे स्टेशन पहुंची। वहां किसी ने उसे जम्मू जाने वाली ट्रेन में बिठा दिया। ट्रेन लुधियाना पहुंची तो वह पानी पीने के लिए उतरी और भटक गई। स्टेशन के बाहर पहुंची तो एक रिक्शेवाला उसे 29 जून को लुधियाना सिविल अस्पताल में छोड़ गया। तब से वह मदर एंड चाइल्ड अस्पताल में रह रही है। यहां बड़े भाई के रूप में सिक्योरिटी गार्ड विजय और बहन के रूप में साहनेवाल की आशा वर्कर सीमा मिली। जो पिछले दो महीने से उसके लिए खाना, कपड़े और दूसरा जरूरत का सामान उपलब्ध करा रहे हैं। मंगलवार को उसने बेटी को जन्म दिया। नाम रखा नूर। नाजिया कहती है कि सिविल अस्पताल का स्टाफ ही अब उसके अपने हैं।
सिविल अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ व शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. राजिंदर गुलाटी का कहना है कि शुक्रवार तक नाजिया को डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। हम चाहते हैं कि जिला प्रशासन नाजिया व उसकी नवजात बेटी को किसी ऐसी जगह भेजे, जहां दोनों की देखरेख हो सके।