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बाघ से बचने को पेड़ पर गुजारनी पड़ी रात

दिनभर मछली पकड़ने के बाद जब वह वापस घर लौटने लगते तो तेज बारिश के कारण रात करीब नौ बजे उनकी नाव पलट गई।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Thu, 11 Aug 2016 10:07 PM (IST)Updated: Thu, 11 Aug 2016 10:18 PM (IST)
बाघ से बचने को पेड़ पर गुजारनी पड़ी रात

जेएनएन, कोलकाता । कोलकाता से सटे दक्षिण 24 परगना जिले के सुंदरवन क्षेत्र में स्थित मातला नदी में मछली पकड़ने के लिए मंगलवार को मोहराम बैद्या अपने बेटे अलाउद्दीन के साथ गए। दिनभर मछली पकड़ने के बाद जब वह वापस घर लौटने लगते तो तेज बारिश के कारण रात करीब नौ बजे उनकी नाव पलट गई। जान बचाने के लिए बाप-बेटे किसी तरह तैरकर नदी पार की और उन्हें सुंदरवन के दुर्गम जंगल में एक पेड़ की सबसे ऊंची डाल पर शरण लेनी पड़ी।

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मोहराम बताते हैं कि एक ओर जहां आसमान से मूसलधार बारिश हो रही थी वहीं दूसरी ओर जंगल में आसपास रॉयल बंगाल टाइगर की दहाड़ से उनका दिल दहल रहा था। मोहराम व अलाउद्दीन ने बाघ की दहाड़ व तेज बारिश के बीच वहीं पेड़ की डाल पर चढ़ गए और पूरी रात गुजारी।

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डर के मारे पूरी रात वे लोग एक मिनट के लिए भी नहीं सो पाए। जब उनकी नाव पलटी तब घना अंधेरे के कारण कुछ भी साफ नहीं दिख रहा था। लगातार हो रही तेज बारिश के कारण नदी भी उफान पर थी। पूरी रात मोहराम और उनका बेटा डरकर पेड़ की डाल पर दुबके रहे। बुधवार सुबह बेनेफेली जंगल से साथी मछुआरों ने उन्हें बचाया।

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