दिल्ली में 22 को अपनी ताकत दिखाएंगे किसान
नए भूमि अधिग्रहण बिल को लागू कराने की मांग को लेकर किसान 22 नवंबर को दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे। रविवार को किसानों ने कई गांवों में जनसंपर्क कर प्रदर्शन में शामिल होने का आह्वान किया। किसानों का आरोप है कि देश में नए भूमि अधिग्रहण बिल के लागू
ग्रेटर नोएडा [जासं]। नए भूमि अधिग्रहण बिल को लागू कराने की मांग को लेकर किसान 22 नवंबर को दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे। रविवार को किसानों ने कई गांवों में जनसंपर्क कर प्रदर्शन में शामिल होने का आह्वान किया। किसानों का आरोप है कि देश में नए भूमि अधिग्रहण बिल के लागू होने के बावजूद उन्हें इसका अभी तक लाभ नहीं मिल रहा है। केंद्र सरकार द्वारा भी नए काननू में बदलाव करने का प्रयास किया जा रहा है। किसानों ने इसका विरोध करने का निर्णय लिया।
संयुक्त किसान संघर्ष समिति ने रविवार को चिटहेरा गांव के शिवमंदिर पर पंचायत की। इसके बाद बढ़पुरा, रानौली लतीफपुर व एनटीपीसी क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों में जनसंपर्क किया। किसानों ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में जमीन के सर्किल रेट का छह गुणा अधिक मुआवजा देना का वादा किया था। इस पर अभी तक अमल नहीं किया है।
नए भूमि अधिग्रहण कानून में सर्किल रेट का चार गुणा मुआवजा देने का प्रावधान किया है। इसे भी लागू नहीं किया जा रहा है। जमीन की सीधे रजिस्ट्री करने पर किसानों को नए कानून के हिसाब से मुआवजा दिया जा रहा है। किसानों ने कहा कि वह भी क्षेत्र का विकास चाहते हैं, लेकिन यह किसानों को उजाड़कर नहीं होना चाहिए।
प्राधिकरण किसानों को नए कानून के हिसाब से जमीन का मुआवजा दे। तय प्रावधानों के हिसाब से मुआवजा नहीं दिया गया तो अधिग्रहण का विरोध होगा। निर्णय लिया गया कि किसान 22 नवंबर को ग्रेटर नोएडा से दिल्ली तक पैदल मार्च निकालेंगे। दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया जाएगा। इस मौके पर सुनील फौजी, सुरेंद्र भाटी, महेंद्र भाटी, विजयपाल भाटी, सरदार भगतजी, विजय भाटी, संजय सिंह आदि किसान भी मौजूद रहे।