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महाराष्ट्र में भी कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन, नासिक से मुंबई मार्च निकाल रहे किसान, दिल्ली आने की योजना

किसानों ने महाराष्ट्र के नासिक से मुंबई की ओर मार्च शुरू कर दिया है। अखिल भारतीय किसान सभा के बैनर तले यह प्रदर्शन हो रहा है। इनकी योजना मुंबई में इकट्ठा होने की है और फिर ये दिल्ली की ओर मार्च करेंगे।

By TaniskEdited By: Published: Sun, 24 Jan 2021 02:18 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jan 2021 02:18 PM (IST)
महाराष्ट्र में भी कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन, नासिक से मुंबई मार्च निकाल रहे किसान, दिल्ली आने की योजना
नासिक से मुंबई की ओर मार्च कर रहे किसान।

नासिक, एएनआइ। केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर  किसानों का प्रदर्शन जारी है। गणतंत्र दिवस पर किसान ट्रैक्टर परेड निकालने वाले हैं। इस बीच इनके समर्थन में रविवार को किसानों ने महाराष्ट्र के नासिक से मुंबई की ओर मार्च शुरू कर दिया है। अखिल भारतीय किसान सभा के बैनर तले यह प्रदर्शन हो रहा है। इनकी योजना मुंबई में इकट्ठा होने की है और फिर ये दिल्ली की ओर मार्च करेंगे। 

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लगभग 15 हजार किसानों ने शनिवार को नासिक से मुंबई तक अपना राज्यव्यापी वाहन मार्च शुरू किया। सैकड़ों टेम्पू और अन्य वाहनों के साथ गोल्फ क्लब मैदान से इस मार्च की शुरुआत हुई। रात में यह इगतपुरी के पास घाटांडेवी में रुका। आज सुबह किसानों ने कसारा घाट की ओर मार्च शुरू किया, ताकि वे मुंबई पहुंच सकें। 

एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा लाए गए तीन काले कानून किसान विरोधी हैं। हमारी आवाज महाराष्ट्र से मुंबई तक पहुंचनी चाहिए। हम मुंबई तक मार्च करेंगे और फिर 26 जनवरी को दिल्ली पहुंचेंगे। ठाणे, नासिक, पालघर और अहमदनगर जैसे कम से कम 23 जिलों के किसान हमारे मार्च में शामिल हुए।

गणतंत्र दिवस के अवसर पर 'किसान गणतंत्र परेड' में हिस्सा लेने के लिए देशभर के किसान दिल्ली की ओर मार्च कर रहे हैं। पंजाब, हरियाणा और राजस्थान से ट्रैक्टर टिकरी बॉर्डर पर पहुंच गए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने किसानों को 23 से 26 जनवरी तक आंदोलन में भाग लेने के लिए कहा है। इसमें राज्यों के राज्यपालों क खिलाफ रैलियां भी शामिल हैं। किसान 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

किसान तीनों नए कृषि कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े हैं। वहीं केंद्र सरकार बातचीत के माध्यम से गतिरोध के सुलझाना चाहती है। दोनों पक्षों के बीच कई दौर की वार्ता भी हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है। सुप्रीम कोर्ट ने नए कानूनों के लागू होने पर फिलहाल रोक लगा दी है। साथ एक कमिटी का भी गठन किया है।  


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