Move to Jagran APP

VIDEO:फेसबुक के संस्थापक जुकरबर्ग ने कहा भारत के बिना काम नहीं चलेगा

सितंबर में फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सेंट जोंस स्थित अपनी कंपनी के मुख्यालय में मिले तो बताया कि जब वह कठिन दौर से गुजर रहे थे तब उन्होंने भारत की यात्रा की थी।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2015 10:20 PM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2015 11:14 PM (IST)
VIDEO:फेसबुक के संस्थापक जुकरबर्ग ने कहा भारत के बिना काम नहीं चलेगा

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। सितंबर में फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सेंट जोंस स्थित अपनी कंपनी के मुख्यालय में मिले तो बताया कि जब वह कठिन दौर से गुजर रहे थे तब उन्होंने भारत की यात्रा की थी। एक महीने बाद ही वह भारत की यात्रा पर आये हैं हालांकि मार्क किसी कठिन दौर से तो नहीं गुजर रहे हैं लेकिन उनकी कंपनी के सामने विस्तार की नई चुनौतियां जरुर हैं।

loksabha election banner

देश के प्रतिष्ठित संस्थान आइआइटी (दिल्ली) में जुकरबर्ग ने भारत के पहले सिटी हॉल परिचर्चा में भाग लिया। साधारण जींस, टी-शर्ट और कैनवास शूज में जुकरबर्ग अपने चिरपरिचित बेलौस अंदाज में पहुंचे। हां, दो वर्ष पहले तक भारतीय संचालन को खास अहमियत नहीं देने वाले जुकरबर्ग का नजरिया अब इस देश को लेकर पूरी तरह से बदला हुआ है। मार्क ने आज यह साफ कर दिया कि अपने विकास के नए पायदान पर कदम रखने के लिए अग्रसर फेसबुक का काम अब भारत के बगैर नहीं चलेगा।

भारत में अपनी पहली सिटी हॉल स्पीच में जुकरबर्ग का पूरा समय संतुलन बनाने में रहा। कभी वह फेसबुक के समक्ष विस्तार को लेकर जो चुनौतियां बन रही है उससे पार पाने और कंपनी के समाजिक सरोकारों के बीच संतुलन बनाते दिखे। तो कभी नेट न्यूट्रिलिटी और मोबाइल कंपनियों की जीरो रेटिंग प्लान के बीच सामंजस्य बनाते दिखे।

लेकिन संतुलन बनाने की कोशिश में मार्क के विचारों में कहीं भी न तो विरोधाभास था और न ही अस्पष्टता। अपनी साफगोई के लिए प्रसिद्ध फेसबुक ने देश के शायद सबसे प्रतिभाशाली युवाओं के यह संदेश दिया कि वह गलती करने से नहीं हिचके क्योंकि फेसबुक को इस मुकाम तक पहुंचाने में उन्होंने भी असंख्य गलतियां की हैं। उनके शब्दों में, 'हम सब मानव हैं, कोई भी परफेक्ट नहीं होता।'

फेसबुक के लिए खास है भारत

जुकरबर्ग ने माना भारत फेसबुक की भावी योजनाओं में काफी अहम स्थान रखता है। और हो सकता है कि यही वजह हो कि पिछले महीने पीएम नरेंद्र मोदी को अपने सेंट जोंस स्थित फेसबुक के हेडक्वार्टर में आगवानी करने के बाद मार्क भारत आये हैं। भारत में 13 करोड़ लोग फेसबुक पर हैं और फेसबुक इस्तेमाल करने वालों की संख्या के मामले में यह दूसरे स्थान पर है। डिजिटल इंडिया जैसे कार्यक्रमों के बाद यह संख्या अगले कुछ वर्षो में कई गुणा बढ़ सकती है।

जुकरबर्ग के मुताबिक, 'हम पूरी दुनिया को इंटरनेट से जोड़ना चाहते हैं और भारत के बिना यह संभव नहीं है।' फेसबुक दुनिया भर में अपने नए प्लेटफार्म इंटरनेट डॉट ओआरजी को बढ़ावा दे रही है और इस प्लेटफार्म के लिए भी भारत की विशाल युवा आबादी एक बड़ा बाजार बन सकता है। लेकिन वह भारत में शिक्षा, स्वास्थ्य और गरीबी उन्मूलन जैसे क्षेत्र में भी फेसबुक के जरिए काम करना चाहते हैं। इस संदर्भ में वह एक शोध का उदाहरण देते हैं कि 10 व्यक्ति अगर इंटरनेट से जुड़ते है तो इससे एक व्यक्ति को रोजगार मिलता है और एक व्यक्ति की गरीबी दूर होती है। साफ है कि यहां भारत के लिए काफी संभावनाएं हैं।

नेट न्यूट्रिलिटी व जीरो रेटिंग प्लान साथ साथ

आज कल इंटरनेट की दुनिया में सबसे ज्यादा विवादित मुद्दा नेटन्यूट्रिलिटी और जीरो रेटिंग प्लान को लेकर जुकरबर्ग मानते हैं कि यह साथ साथ चल सकता है। वैसे नेट न्यूट्रिलिटी के समर्थक इस बयान की निंदा शुरु कर चुके हैं लेकिन फेसबुक सीईओ बीच के रास्ते के पक्ष में दिखते हैं। यानी ग्राहकों को हर प्लेटफार्म पर एक सीमा तक ही बिना किसी भेदभाव के हर तरह की इंटरनेट सेवा के इस्तेमाल का मौका मिलना चाहिए। इस सीमा के भीतर हर तरह की आधारभूत सेवाएं दी जानी चाहिए।

इससे करोड़ों लोगों को इंटरनेट से जोड़ना संभव हो सकेगा। लेकिन चूंकि कंपनियां काफी ज्यादा खर्च करती हैं इसलिए उन्हें आर्थिक तौर पर संभव बनाने के लिए अतिरिक्त शुल्क ले कर अन्य सुविधाएं देने का मौका मिलना चाहिए। बताते चलें कि मोबाइल कंपनियों ने भारत में भारी विरोध की वजह से जीरो रेटिंग प्लान वापस ले ली थी। इस प्लान के तहत मोबाइल कंपनियां कुछ सेवाएं तो मुफ्त में देती हैं लेकिन अन्य कंपनियों की सेवाओं के लिए अतिरिक्त शुल्क लेती हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.