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अमेरिका-पाक के बीच एफ-16 लड़ाकू विमान की डील खटाई में पड़ी

अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को दिए जाने वाले एफ-16 लड़ाकू विमानों की डील खटाई में पड़ती हुई नजर आ रही है।

By kishor joshiEdited By: Published: Fri, 29 Apr 2016 07:48 AM (IST)Updated: Fri, 29 Apr 2016 09:32 AM (IST)
अमेरिका-पाक के बीच एफ-16 लड़ाकू विमान की डील खटाई में पड़ी

वाशिंगटन। शीर्ष अमेरिकी सांसदों के पाकिस्तान को आठ एफ-16 लड़ाकू जेट विमान बेचने के ओबामा प्रशासन के फैसले पर चिंता करने के बाद यह डील अब खटाई में पड़ती हुई नजर आ रही है।

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बीबीसी की खबर के अनुसार, यदि पाकिस्तान अब अमेरिका से आठ एफ -16 विमान खरीदता है तो उसे पूरे पैसे अपनी जेब से वहन करने होंगे क्योंकि अमेरिकी कांग्रेस ने इसके लिए किसी तरह की अमरीकी मदद देने पर रोक लगा दी है। ऐसी स्थिति में पाकिस्तान पूरा खर्च करने से मना कर सकता है।

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अमरीकी रक्षा विभाग की तरफ़ से जारी एक बयान के अनुसार इन आठ विमानों और उससे जुड़े अन्य उपकरणों की क़ीमत लगभग सत्तर करोड़ डॉलर है और अब तक ये माना जा रहा था कि इस डील में लगभग 43 करोड़ डॉलर अमरीकी मदद के तहत पाकिस्तान को मिलता और लगभग 27 करोड़ डॉलर पाकिस्तान को स्वंय खर्च करने पड़ते।

अमरीकी विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बीबीसी को बताया कि ओबामा प्रशासन अब भी पाकिस्तान को एफ-16 बेचने के पक्ष में हे लेकिन उसके लिए अमरीकी पैसा नहीं ख़र्च किया जा सकता। माना जा रहा है कि इस फ़ैसले से एफ़-16 की बिक्री अब खटाई में पड़ गई है क्योंकि जानकारों के अनुसार पाकिस्तान इसके लिए पूरा पैसा अपनी जेब से नहीं ख़र्च करेगा।

इसके अलावा प्रशासन ने इस साल के लिए पाकिस्तान के लिए विदेशी सैन्य मदद के तहत दी जाने वाली 74 करोड़ बीस लाख डॉलर की मदद पर पर भी फ़िलहाल रोक लग गई है। यह फैसला तभी बदल सकता है जब कांग्रेस अपना इस पर दोबारा विचार करेगी।

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आपको बता दें कि शीर्ष अमेरिकी सांसदों ने ओबामा से कहा है कि उन्हें पाकिस्तान को एफ-16 विमान देने के फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए। सांसदों का मानना था कि पाकिस्तान को दिए जाने वाले यह एयरक्राफ्ट्स का इस्तेमाल आतंकवाद के खात्मे की बजाए भारत के भारत के खिलाफ युद्ध के लिए हो सकता है।

पाकिस्तान के लिए ये फ़ैसला एक बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि पिछले महीने सीनेट द्वारा आठ एफ़-16 विमानों की बिक्री को मंज़ूरी देने के बाद यह डील तय लग रही थी।


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