यूपी में महंगी बिजली का तगड़ा झटका
प्रदेशवासियों को अब महंगी बिजली का तगड़ा झटका लगेगा। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने बिजली की दरों में औसतन 11.2
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। प्रदेशवासियों को अब महंगी बिजली का तगड़ा झटका लगेगा। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने बिजली की दरों में औसतन 11.28 फीसद की बढ़ोतरी की है। घरेलू बिजली की दर में सर्वाधिक 14.38 फीसद का इजाफा किया गया है। नई दरें इस तरह से तय की गई हैं जिससे ज्यादा बिजली का उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं को अधिक बिल देना होगा। समय से बिल अदा करने वालों को कुछ राहत भी मिलेगी। आयोग ने संबंधित आदेश पावर कारपोरेशन प्रबंधन को भेज दिया है जो इसे लागू करने की तिथि तय करेगा।
विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष देश दीपक वर्मा ने बुधवार को वित्तीय वर्ष 2014-15 के लिए बिजली की दरें घोषित की। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि बिजली की मौजूदा दरों में औसतन 8.90 फीसद का इजाफा किया गया है। घरेलू बिजली की दरों में औसतन 12 फीसद, उद्योगों की दरों में 7.38 फीसद, कामर्शियल में 6.28 व कृषि क्षेत्र (सरकारी ट्यूबवेल सहित) में 12.20 फीसद की औसत बढ़ोतरी की गई है। राज्य में सूखे की स्थिति को देखते हुए गांव के बिना मीटर वाले निजी ट्यूबवेल की बिजली दरों को यथावत रखा गया है। सभी श्रेणियों के उपभोक्ताओं पर 2.38 फीसद (केस्को के उपभोक्ताओं के लिए 2.23 फीसद) का रेग्यूलेटरी सरचार्ज भी लगाया गया है। इस तरह से आयोग ने बिजली की वर्तमान दरों में औसतन 11.28 फीसद का इजाफा किया है। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष बिजली दरों में औसतन 10.29 फीसद का इजाफा किया गया था। लगभग 16 माह बाद फिर बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी की गई है। ज्यादातर श्रेणियों के लिए फिक्स चार्ज की दरें यथावत रखी गई हैं। वर्मा ने बताया कि पहली बार आयोग ने बिजली दरों को कंपनियों के परफार्मेस से जोड़ा है। अब बिजली कंपनियों को लाइन लॉस कम करना ही होगा। चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक कंपनियों को 4.08 फीसद (27.60 से 23.52 फीसद) विद्युत वितरण हानि को घटाना होगा। कंपनियों को इस साल 36 लाख नए कनेक्शन देने होंगे। साथ ही बिना मीटर वाले बिजली कनेक्शनों में 31 मार्च तक मीटर लगाना होगा। मीटर लगवाने वाले उपभोक्ताओं को प्रोत्साहन स्वरूप मीटर श्रेणी के लिए लागू दर में 10 फीसद की छूट मिलेगी।
अध्यक्ष ने कहा कि लक्ष्य के मुताबिक लाइन लॉस न घटाने या कनेक्शन न देने पर कंपनियों को 10 फीसद राजस्व का नुकसान उठाना पड़ेगा। आयोग, कंपनियों के मौजूदा सरचार्ज और प्रस्तावित एआरआर (वार्षिक राजस्व आवश्यकता) को 90 फीसद तक ही अनुमन्य करेगा। समय से बिल जमा करने वाले उपभोक्ताओं को अब कुल बिल पर 0.25 फीसद की छूट भी मिलेगी। समय से बिल न जमा करने वाले उपभोक्ता एकमुश्त योजना (ओटीएस) का लाभ नहीं उठा सकेंगे। बकाएदार उपभोक्ताओं को तीन वित्तीय वर्ष में एक बार ही ओटीएस का लाभ मिलेगा। अध्यक्ष ने बताया कि बिजली संकट को देखते हुए सोलर वाटर हीटर लगाने वाले उपभोक्ताओं को 100 रुपये प्रतिमाह की छूट भी मिलेगी।