सर्वे में दावा, जरुरत से ज्यादा काम करने पर हो सकती है ये गंभीर बीमारी
एक सर्वे के मुताबिक ज्यादा काम करने वाले लोगों में डिप्रेशन का खतरा बना रहता है। ताजा अध्ययन के मुताबिक ज्यादा काम करने वालों में मनोवैज्ञानिक या भावनाओं से जुड़ी समस्याएं ज्यादा पाई जाती हैं।
ओस्लो, (आईएएनएस)। जरूरत से ज्यादा काम करने के आदी लोगों के लिए बुरी खबर है। ऐसे लोगों में डिप्रेशन (अवसाद) का खतरा बढ़ने की आशंका रहती है। ताजा अध्ययन के मुताबिक ज्यादा काम करने वालों में मनोवैज्ञानिक या भावनाओं से जुड़ी समस्याएं ज्यादा पाई जाती हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे लोगों में चिंता, अवसाद समेत अन्य मानसिक बीमारियां जैसे अटेंशन डेफिसिट/हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (एडीएचडी इससे ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होती है), आवेग, चिंता और ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर (ओसीडी) की समस्याएं भी सामने आती हैं।
नॉर्वे के शोधकर्ताओं ने बताया कि ज्यादा काम करने वाले लोगों ने इन बीमारियों के सूचकांक में ज्यादा अंक हासिल किए। ऐसे लोगों में एडीएचडी का खतरा सामान्य लोगों की अपेक्षा 20 फीसद यादा रहता है। ओसीडी की आशंका भी तकरीबन 17 प्रतिशत अधिक रहती है। हालांकि, इनमें चिंता का खतरा 22 फीसद तक यादा पाया गया है। इसके अलावा तकरीबन नौ फीसद लोगों के अवसाद में जाने की आशंका भी पाई गई।
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