यूपी: विधानसभा उपचुनाव में केंद्रीय मंत्रियों की परीक्षा
उत्तर प्रदेश की 12 विधानसभा सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव में भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। 2012 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इनमें से 11 सीटें जीती, जबकि एक सीट उसकी साझीदार अपना दल के पास है। इन सीटों को बचाना सबसे बड़ी चुनौती है। पार्टी ने अपने दिग्गज नेताओं और सांसदों की भी जवाबदेही तय कर दी है।
लखनऊ [जागरण ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश की 12 विधानसभा सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव में भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। 2012 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इनमें से 11 सीटें जीती, जबकि एक सीट उसकी साझीदार अपना दल के पास है। इन सीटों को बचाना सबसे बड़ी चुनौती है। पार्टी ने अपने दिग्गज नेताओं और सांसदों की भी जवाबदेही तय कर दी है। साथ ही केंद्रीय मंत्रियों को भी दायित्व सौंपा है।
लखनऊ पूर्वी सीट पर केंद्रीय लघु उद्योग मंत्री कलराज मिश्र, बिजनौर सीट पर केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री संजीव बालियान और नोएडा सीट पर केंद्रीय राज्य मंत्री वीके सिंह को जिम्मेदारी दी गई है। जाहिर है कि चुनाव की बड़ी जिम्मेदारी होने से इन सबको परीक्षा से गुजरना होगा।
लखनऊ पूर्वी सीट के लिए पार्टी ने कलराज मिश्र के अलावा डुमरियागंज के सांसद जगदंबिका पाल, फैजाबाद के सांसद लल्लू सिंह और बलिया के सांसद भरत सिंह को जवाबदेह बनाया है। पार्टी ने हर विधानसभा क्षेत्र के लिए चार-चार सांसदों को जिम्मेदारी दी है। इन्हें चुनाव प्रचार, समन्वय व मतदाताओं से संवाद आदि महत्वपूर्ण दायित्व सौंपे है।
बलहा और निघासन का चुनाव रोकने की मांग
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने चुनाव आयोग से बहराइच की बलहा और लखीमपुर खीरी की निघासन विधानसभा सीट पर चुनाव रोकने की मांग की है। भाजपा का तर्क है कि ये दोनों जिले बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं और संबंधित क्षेत्रों में त्राहि-त्राहि मची है, ऐसे में चुनाव कराना उचित नहीं होगा।
केंद्रीय बलों की निगरानी में हो चुनाव
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने प्रदेश में हो रहे उप चुनाव को केंद्रीय बलों की निगरानी में कराए जाने का आग्रह चुनाव आयोग से किया है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त को भेजे गए पत्र में उन्होंने सत्तारूढ़ दल सपा से खतरे का अंदेशा जताया है। उनका आरोप है कि जिला प्रशासन सत्ता के पक्ष में काम करेगा, इसलिए सभी मतदान केंद्रों पर वीडियोग्राफी कराने और शतप्रतिशत मतदान केन्द्र को संवेदनशील घोषित करने की मांग की है।