सरकार के अगले कदम के इंतजार में पूर्व फौजी
'वन रैंक वन पेंशन' पर आंदोलन कर रहे पूर्व फौजी अब सरकार की ओर से अगले कदम का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने गुरुवार को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में सीधे दखल देने की अपील की। साथ ही यह भी कहा है कि अगर सरकार
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। 'वन रैंक वन पेंशन' पर आंदोलन कर रहे पूर्व फौजी अब सरकार की ओर से अगले कदम का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने गुरुवार को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में सीधे दखल देने की अपील की। साथ ही यह भी कहा है कि अगर सरकार ने बिना उन्हें भरोसे में लिए कोई एलान किया तो उनका आंदोलन जारी रहेगा।
अपनी मांग को ले कर एक दिन पहले ही नरम रवैया जता चुके आंदोलनकारियों ने गुरुवार को कहा कि वे चाहते हैं कि बातचीत फिर से पटरी पर आए। 'युनाइटेड फोरम आफ एक्स सर्विसमेन' के प्रवक्ता अनिल कौल ने कहा कि सरकार की ओर से हर व्यक्ति अलग-अलग भाषा में बोल रहा है। वे लगातार अपनी बात बदल रहे हैं। न तो कोई ठोस प्रस्ताव आ रहा है और न ही कोई साफ संकेत दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे में वे चाहें भी तो बातचीत के लिए किसके पास जाएं।
इस मामले को लेकर सरकार भी जल्द फैसला कर लेना चाहती है। अगले दो-तीन दिन में चुनाव आयोग बिहार विधानसभा के चुनाव का एलान भी कर सकता है। ऐसा होने पर आचार संहिता लागू हो जाने की वजह से सरकार वन रैंक वन पेंशन के मामले में चुनाव होने तक कोई फैसला नहीं ले पाएगी। न केवल पूर्व सैनिकों का आंदोलन दो महीने और लंबा होगा बल्कि बिहार के चुनाव में यह एक मुद्दा भी बन जाएगा।
बिहार में भाजपा के खिलाफ प्रचार करने के मामले में 'इंडियन एक्स सर्विसमेन मूवमेंट' के महासचिव ग्रुप कैप्टन वीके गांधी ने कहा कि वे इस मामले में राजनीति नहीं करना चाहते। लेकिन लोगों को यह जरूर कहेंगे कि वे उसी पार्टी को वोट दें, जो अपने चुनावी वादे से पीछे नहीं हटती हो। पूर्व फौजियों ने एलान किया है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे चुनाव के मौके पर बिहार जा कर लोगों को भाजपा के खिलाफ जागरूक करेंगे। वन रैंक वन पेंशन के मामले पर पूर्व फौजी पिछले 80 दिनों से जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस मांग के समर्थन में कई पूर्व फौजी आमरण अनशन पर भी बैठे हैं। इस संबंध में बुधवार को संघ भी केंद्र सरकार को जल्द फैसला करने को कह चुका है।