खुलासाः रेप से बचने के लिए आपस में संबंध बनाती थीं फुटबॉल टीम की लड़कियां
भारतीय महिला फुटबाल टीम की पूर्व कप्तान सोना चौधरी ने एक सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा कि कोच द्वारा शोषण से बचने के लिए महिला खिलाड़ी आपस में संबंध में बना लेती थीं।
नई दिल्ली। भारतीय महिला फुटबाल टीम की पूर्व कप्तान सोना चौधरी ने एक सनसनीखेज व चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने टीम मैनेजमेंट, कोच व सेक्रेटरी द्वारा टीम की महिला खिलाड़ियों के उत्पीड़न को लेकर ये खुलासे किए हैं। आपको बता दें कि हाल ही में पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में उन्होंने अपनी नॉवेल 'गेम इन गेम' लॉन्च की है।
पढ़ें: नोएडा में युवती ने गैंग रेप, तीन ऑटो चालक गिरफ्तार
सोना चौधरी ने अपनी नॉवेल में खिलाड़ियों के साथ बदसलूकी की 90 फीसद सच्ची घटनाएं लिखने का दावा किया है। उनका कहना है कि टीम के कोच व सेक्रेटरी खिलाड़ियों को कई चीजों के लिए समझौता करने पर मजबूर करते थे। नॉवेल में उन्होंने खुलासा किया है कि कोच द्वारा शोषण से बचने के लिए खिलाड़ी आपस में संबंध में बना लेती थीं।
सोना ने बताया, 'टीम मैनेजमेंट का कोई सदस्य रेप न कर दे, इस डर से खिलाड़ी आपस में समलैंगिक संबंध बना लेती थीं। कई महिला खिलाड़ियों की दोस्ती शारीरिक संबंध तक में बदल जाती थी। एक लड़की दूसरे लड़की को पसंद करने लगती थी।' सोना के मुताबिक स्टेट टीम हो या नेशनल टीम, कई लड़कियों को कई स्तर पर समझौता करने के लिए मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है। इसके साथ ही उन्होंने हरियाणा पुलिस की काफी प्रशंसा की है। उन्होंने बताया है कि हरियाणा पुलिस ने मुझे काफी समर्थन किया है और वे अपना ग्राउंड खेलने के लिए देते थे।
पढ़ें: रेप के खौफ से 100 छात्राओं ने स्कूल छोड़ा, प्रशासन हुआ सतर्क
सोना चौधरी मूलतः हरियाणा की रहनेवाली हैं। 1994 में करियर शुरू करने वालीं सोना हरियाणा की बेस्ट प्लेयर थीं। हरियाणा में प्लेयर्स के साथ होने वाले पॉलिटिक्स से परेशान होकर 1995 में यूपी आकर बस गईं। 1995 में ही भारतीय महिला फुटबॉल टीम में एंट्री की। महज एक साल बाद वो टीम की कैप्टन बन गईं। उन्होंने 1996-97 तक कप्तानी संभाली। सोना को फुटबॉल से प्यार 1989 में स्कूलिंग के दौरान हुआ था। वो राइट बैक पोजिशन से खेलती थीं।
1998 में एशियन गेम्स के दौरान उन्हें घुटने और बैकबोन में चोट लगी थी। उस चोट ने उनका फुटबॉल करियर खत्म कर दिया था। ऑपरेशन के बाद सोना 6 महीने तक व्हीलचेयर और बेड रेस्ट पर रहीं। फुटबॉल के अलावा सोना ने एथलेटिक्स में भी हिस्सा लिया। 2002 में शादी के बाद वो वाराणसी आकर बस गईं।
पढ़ें:केरल में भी 'निर्भया' कांडः लॉ की छात्रा से रेप के बाद हत्या, आंत निकाली
(साभार- नई दुनिया)