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एफटीए पर आगे बढ़ने को ईयू ने फिर लगाई शर्त

अब यूरोपीय यूनियन चाहता है कि भारत पहले मौजूदा द्विपक्षीय व्यापार समझौते की अवधि को आगे बढ़ाए।

By Manish NegiEdited By: Published: Mon, 20 Feb 2017 09:19 PM (IST)Updated: Mon, 20 Feb 2017 10:12 PM (IST)
एफटीए पर आगे बढ़ने को ईयू ने फिर लगाई शर्त
एफटीए पर आगे बढ़ने को ईयू ने फिर लगाई शर्त

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर वार्ता आगे बढ़ाने को यूरोपीय यूनियन की शर्ते खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब यूरोपीय यूनियन चाहता है कि भारत पहले मौजूदा द्विपक्षीय व्यापार समझौते की अवधि को आगे बढ़ाए। उसके बाद ही एफटीए पर बातचीत शुरू होने का रास्ता खुलेगा।

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भारत और यूरोपीय यूनियन के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते की अवधि जल्द समाप्त होने को है। ईयू चाहता है कि इसकी अवधि को और आगे बढ़ा दिया जाए। यूरोपीय यूनियन का एक प्रतिनिधिमंडल इन दिनों भारत के दौरे पर है। प्रतिनिधिमंडल के चेयरमैन ज्यॉफ्री वान ऑर्डन ने सोमवार को यहां कहा कि अगर भारत व्यापार और निवेश समझौते की अवधि को छह महीने के लिए आगे बढ़ा दिया जाए तो एफटीए की बातचीत शुरु होने में इससे काफी मदद मिलेगी। अभी यह मुद्दा एफटीए की वार्ता की पुनर्बहाली के रास्ते का रोड़ा बना हुआ है।

भारत का नीदरलैंड के साथ द्विपक्षीय व्यापार व निवेश समझौते की अवधि इस वर्ष नवंबर में समाप्त हो रही है। यूरोपीय यूनियन के अन्य देशों के साथ इसी तरह के समझौतों की अवधि नवंबर के बाद कुछ महीनों में समाप्त हो जाएगी। इसलिए यूरोपीय यूनियन चाहता है कि एफटीए पर बातचीत आगे बढ़ाने से पहले इन समझौतों की अवधि बढ़ा दी जाए ताकि एफटीए के अमल में आने से पहले दोनों पक्षों के बीच व्यापार व निवेश का प्रवाह निर्बाध गति से चलता रहे। ऑर्डन का कहना है कि अगर इन समझौतों की अवधि समाप्त हो जाती है तो यूरोपीय यूनियन के देशों के लिए भारत में निवेश करने की राह मुश्किल हो जाएगी।

यह प्रतिनिधिमंडल वित्त मंत्री अरुण जेटली, वाणिज्य व उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह से मुलाकात करेगा। इन बैठकों में भी मुक्त व्यापार समझौते और मौजूदा समझौतों की अवधि आगे बढ़ाने के मुद्दे उठने की संभावना है। दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर वार्ता मई 2013 से रुकी हुई है। उस वक्त दोनों देशों के बीच डाटा सिक्योरिटी और आइटी सेक्टर जैसे मुद्दों पर सहमति नहीं बन पायी थी। यह वार्ता साल 2007 में शुरू हुई थी। ब्रसेल्स में हुई भारत-ईयू समिट में भी दोनों देश एफटीए को लेकर बातचीत की बहाली पर कोई रास्ता नहीं तलाश पाए थे।

यूरोपीय यूनियन ऑटोमोबाइल सेक्टर में शुल्क पर खास रियायत चाहता है। इसके तहत वो लगातार भारत पर ड्यूटी घटाने का दबाव बनाता रहा है। इसके अलावा वाइन, स्पि्रट और डेयरी उत्पादों पर भी ईयू भारत से टैक्स की दरें घटाने की मांग कर रहा है।

यूरोपीय संघ ने कहा, भारत सदस्य देशों के साथ व्यापार समझौता 6 महीने आगे बढ़ाए


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