हवाई यात्रा में लैपटॉप और टैबलेट पर जारी हो समान निर्देश
दिशा-निर्देश के अभाव में विभिन्न विमानन कंपनियां अलग-अलग दिशा-निर्देश तय कर रही हैं। इससे हवाई अड्डों पर अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो जाता है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। राज्यसभा में आज हवाई यात्रा के दौरान इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे लैपटॉप और टैबलेट ले जाने का मुद्दा उठा है। तृणमूल कांग्रेस के सदस्य विवेक गुप्ता ने बुधवार को शून्यकाल के दौरान कहा कि एकसमान दिशा-निर्देश के अभाव में विभिन्न विमानन कंपनियां अलग-अलग दिशा-निर्देश तय कर रही हैं। इससे हवाई अड्डों पर अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो जाता है।
तृणमूल सांसद ने राज्यसभा में कहा, 'उड्डयन कंपनियां हर दिन अलग-अलग दिशा-निर्देश जारी कर रही हैं। कुछ कंपनियां टैबलेट ले जाने की छूट दे रही हैं तो कुछ इसे चेक-इन बैग में ले जाने की ही छूट दे रही हैं। नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से इस बाबत एक समान दिशा-निर्देश जारी नहीं की गई है।' उन्होंने केंद्रीय स्तर पर नियम-कायदे बनाने की मांग की है, ताकि हवाई अड्डों पर उथल-पुथल की स्थिति उत्पन्न न हो।
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गुप्ता ने सदन को बताया कि देश भर के हवाई अड्डों पर 2,500 सीआइएसएफ कर्मियों की कमी है और 26 संवेदनशील हवाई अड्डे अर्धसैनिक बल की निगरानी में नहीं हैं।
लैपटॉप प्रतिबंध पर उठे सवाल
इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आइएटीए) ने अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा कुछ देशों से आने वाली उड़ानों में लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को प्रतिबंधित करने पर सवाल उठाया है। वैश्विक संस्था ने इस कदम को दीर्घकालीन समाधान के दृष्टिकोण से अस्वीकार्य बताया है।
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संस्था ने आतंकी गतिविधियों पर रोक के लिए सरकारों और विमानन उद्योग के बीच खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान को एकमात्र उपाय बताया। गौरतलब है कि अमेरिका और ब्रिटेन ने मध्य-पूर्व और उत्तरी अफ्रीका से आने वाली उड़ानों में लैपटॉप समेत अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ले जाने पर रोक लगा दी है।